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Showing posts from March, 2023

Mahadasha of Saturn

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शनि की महादशा  वैदिक ज्योतिष अनुसार हर व्यक्ति के ऊपर नवग्रहों की दशा चलती है। किसी ग्रह की महादशा का समय बहुत कम होता है तो किसी का बहुत ज्यादा। यहां हम बात करने जा रहे हैं। शनि ग्रह की महादशा के बारे में, जिसका प्रभाव मनुष्य के ऊपर 19 साल तक रहता है। आपतो बता दें कि वैदिक ज्योतिष में शनि देव को न्याय प्रिय देवता माना जाता है। साथ ही शनि देव व्यक्ति को कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं।  वहीं अगर व्यक्ति की जन्मकुंडली में शनि देव अशुभ स्थित हैं तो व्यक्ति को आर्थिक और मानसिक रूप से कष्टों को झेलना पड़ता है। साथ ही शनि देव का नकारात्मक प्रभाव होने से व्यक्ति को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है। शनि नकारात्मक हो तो साढ़े साती या ढैया में घोर दरिद्रता देता है।  शनि की महादशा में व्यक्ति को होती है अपार धन- दौलत की प्राप्ति, 19 साल रहता है प्रभाव,  शनि की महादशा का प्रभाव व्यक्ति के ऊपर 19 साल तक रहता है। आइए जानते हैं व्यक्ति की लाइफ पर इसका असर पड़ता है…  वैदिक ज्योतिष अनुसार हर व्यक्ति के ऊपर नवग्रहों की दशा चलती है। किसी ग्रह की महादशा का समय बहुत कम होता है तो किसी का

What should not be done immediately after Navratr i?

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नवरात्रि के तुरंत बाद क्या नहीं करना चाहिए ? चैत्र नवरात्रि का पर्व धूमधाम से हर तरफ मनाया जा रहा है. आपको बता दें कि चैत्र नवरात्रि के दौरान माता दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों का पूजन करने का विधान है . इसी के साथ चैत्र नवरात्रि  का समापन हो जाएगा. आपको बता दें कि नवरात्रि में बहुत सारे लोग ऐसे होते हैं जो पूरे नौ दिन व्रत धारण करते हैं. ऐसे में 9 दिन उनका खानपान से लेकर दिनचर्या तक में काफी परिवर्तन हो जाता है. ऐसे में नवरात्रि के समापन के तुरंत बाद ऐसे लोगों को कुछ गलतियों को करने से बचना चाहिए, वरना उन्हें काफी दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है. तो चलिए जानते हैं कि किन बातों का ख्याल रखना चाहिए. नवरात्रि समापन के तुरंत बाद ये काम न करें – 1- नवरात्रि  में पूरे नौ दिन व्रत रखने के तुरंत बाद व्यक्ति को भूलकर भी कोई ट्रिप नहीं प्लान करनी चाहिए, ऐसा करना व्रती के स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो सकता है. इसलिए ऐसा बिल्कुल भी न करें. 2- नवरात्रि में पूरे व्रत रखने के तुरंत बाद कभी भी कुछ हैवी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए. जैसे कि फास्ट फूड, नॉन वेज या कोई भी तली भुनी चीजें, व

Importance of Ram Navami

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रामनवमी का महत्व जन्म भूमि है यहां यह रामनवमी की पूजा बहुत ही धूमधाम से मनायी जाती है। रामनवमी के दिन पूरे अयोध्या में बहुत हलचल रहती है इस दिन यहां भव्य रूप से मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले में दूर-दराज से भक्त गण के साथ साथ साधु-संन्यासी भी आते है और एक साथ मिलकर रामजन्मोत्सव मनाते है। इस पूजा के दिन विशेष रूप से अयोध्या मे स्त्रियाँ विशेष तौर पर घरो को सजाती है। इस दिन स्त्रियाँ घरो को साफ सुथरा करके पवित्र कलश को घर के मंदिर मे स्थापित करती है। पूरे नौ दिन तक भगवान श्री राम के नाम लिया जाता है। साथ ही साथ कीर्तन और भजन का भी आयोजन किया जाता घरों में विशेष साज-सज्जा कर, घर को पवित्र कर कलश स्थापना की जाती है और श्रीराम जी का पूजन कर, भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है।इस दिन विशेष तौर पर श्रीराम के साथ माता जानकी और लक्ष्मण जी की भी पूजा होती है। रामनवमी का गूढ़ रहस्य व ज्ञान रामनवमी पूजा भगवान श्री राम के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस पूजा का मूल उद्देश्य अपने भीतर छिपे ज्ञान के प्रकाश को औलोकिक करना उसे जागृत करना। आइऐ जानते है राम नवमी पूजा मे छिपे गूढ़ र

What is the importance of worshiping girls on Ashtami and Navami ?

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अष्टमी और नवमी पर कन्या पूजन क्या महत्व हैं  ? नाै दिवसीय उत्सव में कन्या पूजन विशेष महत्व है। देवी को प्रसन्न करने के लिए इन दिनों विभिन्न पूजा अनुष्ठान और आरती की जाती हैं। अधिकांश समुदाय, विशेष रूप से भारत के उत्तरी भाग में नवरात्रि में कन्या पूजन या फिर कन्या भोज आयोजित करते हैं। छोटी लड़कियों को देवी मां के अवतार का प्रतीक माना जाता है। कन्या पूजन में कन्याओं को घरों व मंदिरों में आमंत्रित किया जाता है। इस दाैरान उन्हें पूरी, चना, नारियल, हलवा, उपहार व दक्षिणा आदि दिया जाता है। कन्या पूजन का इतिहास छोटी लड़कियों को पृथ्वी पर देवी दुर्गा का अवतार माना जाता है और दुर्गा अष्टमी और महा नवमी पर उनकी पूजा की जाती है। हिंदू धार्मिक मान्यताओं में कहा जाता है कि भगवान से प्रार्थना करने की तुलना में मनुष्य की प्रार्थना करने से बेहतर परिणाम मिलते हैं। पूरे ब्रह्मांड में बच्चों को इंसानों का सबसे शुद्ध रूप माना जाता है। इसलिए लोग शुद्ध आत्मा के रूप में कन्या पूजा करते हैं। कन्या पूजन का महत्व देवी भागवत पुराण के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि लड़कियों की पूजा करने से भक्तों को उनकी प

Jaundice and Astro Medical

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पीलिया एवं एस्ट्रो मेडिकल प्राचीन काल से ही ज्योतिष से रोग जानने की विद्या हमारे देश में प्रचलित है जिसे एस्ट्रो मेडिकल कहा जाता है। जम्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति पूरे जीवन में होने वाले रोगों की जानकारी देती हैं। जीवन में होने वाले रोगों को जानने के लिए ज्योतिषीय विश्लेषण के लिए हमारे शास्त्रों मे कई सूत्र दिए हैं। जिनमें से कुछ प्रमुख सूत्र इस प्रकार से हैं : कैसे करें जन्म कुंडली (ज्योतिष) में रोग  विचार :-- षष्ठ स्थान ग्रहों की स्थिति राशियां कारक ग्रह सामान्यतः रोगों के कारण : यदि लग्न एवं लग्नेश की स्थिति अशुभ हो। यदि चंद्रमा का क्षीर्ण अथवा निर्बल हो या चन्द्रलग्न में पाप ग्रह बैठे हों । यदि लग्न, चन्द्रमा एवं सूर्य तीनों पर ही पाप अथवा अशुभ ग्रहों का प्रभाव हो। यदि पाप ग्रह का शुभ ग्रहों की अपेक्षा अधिक बलवान हों। हम सभी जानते हैं कि यकृत (लिवर) शरीर के अत्यंत महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। यकृत की कोशिकाएँ आकार में सूक्ष्मदर्शी से ही देखी जा सकने योग्य हैं, परंतु ये बहुत कार्य करती हैं। एक कोशिका इतना कार्य करती हैं कि इसकी तुलना एक कारखाने से (क्योंकि यह अनेक र

Which tree and plant is auspicious to plant in the house and which is inauspicious.

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घर में कौन सा पेड़-पौधा लगाना शुभ होता है और कौन सा अशुभ हम अपने घरों के आसपास ढेर सारे पेड़ लगाते हैं जो ना केवल हवा को स्वच्छ करता है साथ ही घर के रूप को भी निखारता है। इसके अलावा घर के सामने लगाए गए पेड़ अक्सर शुभ या अशुभ संकेत भी देते हैं। ऐसे में लोग घरों के सामने कोई भी पेड़ लगाने से पहले 2 बार सोचते हैं। तो आज हम आपको बताएंगे कुछ ऐसे पेड़ के बारे में जो घर के सामने लगाना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। हम भारतीय शुभ अशुभ में बहुत विश्वास करते हैं और साथ ही पेड़ों से भी इन चीजों को जोड़ा जाता है। ऐसे में घरों में कौन से पेड़ लगाना हमारे लिए शुभ हो सकता ?  पेड़-पौधों से ही पृथ्वी पर जीवन है, इसके साथ ही वास्तु में पेड़-पौधों का बहुत महत्व माना जाता है। घर के आस-पास पेड़-पौधे न सिर्फ वातावरण में ऑक्सीजन के स्तर बनाए रखने में तो मदद करते ही हैं, साथ ही कुछ ऐसे पेड़-पौधे भी होते हैं जो घर में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने में भी सहायक होते हैं। कुछ पेड़-पौधों का सीधा संबंध ग्रहों के शुभ और अशुभ प्रभाव से भी होता है। वास्तु में जिस प्रकार से सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देने वाले पौ

Which planets are responsible for accidents ?

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दुर्घटना के लिए कौन से ग्रह होते हैं जिम्मेदार ?  दुर्घटना केवल चोट चपेट या शारीरिक ही नहीं होती है. कभी-भी अन्य तरीके से भी दुर्घटना घट सकती है. दुर्घटना आर्थिक और मानसिक भी हो सकती है. कोई भी बुरी घटना आकस्मिक रूप से घट जाय तो वह दुर्घटना है. दुर्घटना केवल चोट चपेट या शारीरिक ही नहीं होती है. कभी-भी अन्य तरीके से भी दुर्घटना घट सकती है. दुर्घटना आर्थिक और मानसिक भी हो सकती है. सूर्य और चन्द्रमा दुर्घटना के सबसे बड़े जिम्मेदार होते हैं. इसके बाद राहु, मंगल और शनि आते हैं. बृहस्पति, शुक्र, और शुभ बुध चन्द्र दुर्घटनाओं से रक्षा करते हैं. दुर्घटनाओं के लिए कौन से ग्रह जिम्मेदार हैं? - शनि राहु या शनि मंगल के कारण वाहन दुर्घटनाये घटती हैं   - साढे साती या ढैया में भी ऐसा हो जाता है - इसमें लग्न के स्वामी के कमजोर होने पर शारीरिक क्षति होती है - मारक दशा होने पर प्राणांत हो जाता है - अन्यथा केवल वाहन की क्षति होती है क्या आप अक्सर दुर्घटना के शिकार हो रह रहे हैं। आखिर ऐसा आपके साथ क्यों हो रहा है और इससे कैसे बचा जा सकता है। इसके बारे में विस्तार से बताया है आपके एस्ट्रो फ्रेंड