What is the importance of worshiping girls on Ashtami and Navami ?


अष्टमी और नवमी पर कन्या पूजन क्या महत्व हैं  ?

नाै दिवसीय उत्सव में कन्या पूजन विशेष महत्व है। देवी को प्रसन्न करने के लिए इन दिनों विभिन्न पूजा अनुष्ठान और आरती की जाती हैं। अधिकांश समुदाय, विशेष रूप से भारत के उत्तरी भाग में नवरात्रि में कन्या पूजन या फिर कन्या भोज आयोजित करते हैं। छोटी लड़कियों को देवी मां के अवतार का प्रतीक माना जाता है। कन्या पूजन में कन्याओं को घरों व मंदिरों में आमंत्रित किया जाता है। इस दाैरान उन्हें पूरी, चना, नारियल, हलवा, उपहार व दक्षिणा आदि दिया जाता है।

कन्या पूजन का इतिहास

छोटी लड़कियों को पृथ्वी पर देवी दुर्गा का अवतार माना जाता है और दुर्गा अष्टमी और महा नवमी पर उनकी पूजा की जाती है। हिंदू धार्मिक मान्यताओं में कहा जाता है कि भगवान से प्रार्थना करने की तुलना में मनुष्य की प्रार्थना करने से बेहतर परिणाम मिलते हैं। पूरे ब्रह्मांड में बच्चों को इंसानों का सबसे शुद्ध रूप माना जाता है। इसलिए लोग शुद्ध आत्मा के रूप में कन्या पूजा करते हैं।

कन्या पूजन का महत्व

देवी भागवत पुराण के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि लड़कियों की पूजा करने से भक्तों को उनकी पूजा का वास्तविक फल प्राप्त होता है। विशेष रूप से नौ दिन तक व्रत रखने वालों को नवरात्रि के अंत में कन्याओं की पूजा अवश्य करनी चाहिए।

कैसे करें कन्या भोज

परंपरागत रूप से, कन्या पूजन भक्तों द्वारा अष्टमी या नवमी के दिन किया जाता है। छोटी लड़कियों, जिन्हें विशेष रूप से आमंत्रित किया जाता है, को मां दुर्गा की अभिव्यक्ति के रूप में सम्मानित किया जाता है। भक्त मां दुर्गा के नौ रूपों की प्रतीक लड़कियों के पैर धोते हैं। इसके बाद उनकी कलाई के चारों ओर एक लाल धागा बांधा जाता है और भक्तों द्वारा माथे पर लाल कुमकुम लगाया जाता है।इसके बाद उनके समक्ष भोजन परोसा जाता है। कन्याओं को सिक्के, छोटे उपहार जैसे स्टेशनरी आइटम जैसे रंगीन पेंसिल, क्रेयॉन और किताबें भी दी जाती हैं

कन्या पूजन की विधि

सर्वप्रथम कन्याओं के घर पर आने के बाद एक बड़ी थाली में पानी में थोड़ा सा दूध और फूल डाल लें और कन्याओं के पैर इसमें धुला दें। साफ कपड़े से पैरों को पोंछ दें और चरण स्पर्श करें। अब कन्याओं को बैठाएं और माथे में हल्का घी लगाने के साथ सिंदूर लगाएं। इसके बाद अक्षत लगाएं और फूल अर्पित करने के साथ चुनरी पहनाएं। इसके बाद पूरी श्रद्धा के साथ पूरी, चना, हलवा या फिर अपनी योग्यता के साथ भोजन खिलाएं। भोजन करने के बाद कन्याओं को उपहार के साथ कुछ पैसे दें और पैर छूकर उनका आशीर्वाद लें और भूल चूक के लिए माफी मांग लें। अंत में कन्याओं के हाथ में थोड़े-थोड़े कच्चे चावल दें और घर में मौजूद महिला अपने पल्लू में उन्हे ले लें। इसके बाद कन्याओं को सम्मान के साथ विदा करें। कन्याओं को विदा करने के बाद चावल और पैर धोएं हुए पानी को पूरे घर में छिड़क दें।

कन्या पूजन के नियम

नवरात्रि में कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है। कन्या पूजन करते समय कुछ नियमों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। कन्या पूजन अष्टमी या फिर नवमी के दिन करना सबसे अच्छा माना जाता है। कन्या पूजन के लिए 2 से 10 साल तक ही कन्याओं सहित एक बालक यानी लंगूर को बुलाया जाता है। कन्या पूजन के लिए कम से कम 9 कन्याओं को अवश्य बुलाएं। आप चाहे, तो 11 भी कर सकते हैं। कन्याओं को आसन पर विराजमान करने से पूर्व उनके पैर धोएं। कन्याओं को भोजन कराने से पहले मां दुर्गा को भोग अवश्य लगाएं। कन्याओं के भोजन में लहसुन-प्याज का इस्तेमाल बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। कन्याओं को खिलाए जाने वाले भोजन को बिल्कुल भी जूठा न करें।

अष्टमी और नवमी पर कन्या पूजन कर रहे हैं तो यह 9 बातें

नवरात्रि की अष्टमी और नवमी के दिन 2 से लेकर 5 वर्ष तक की नन्ही कन्याओं के पूजन का विशेष महत्व है। इन नन्ही कन्याओं को सुंदर गिफ्ट्स देकर इनका दिल जीता जा सकता है। इनके माध्यम से नवदुर्गा को भी प्रसन्न किया जा सकता है। पुराणों की दृष्टि से कन्याओं को एक विशेष प्रकार की भेंट देना शुभ होता है। 

 
* फूल 

कन्याओं को फूल की भेंट देना शुभ होता है। साथ में कोई एक श्रृंगार सामग्री अवश्य दें। अगर आप मां सरस्वती को प्रसन्न करना चाहते है तो श्वेत फूल अर्पित करें। अगर आपके दिल में कोई भौतिक कामना है तो लाल पुष्प देकर इन्हें खुश करें। (उदाहरण के लिए : गुलाब, चंपा, मोगरा,गेंदा, गुड़हल) 

 
* फल  

 फल देकर कन्याओं का पूजन करें। यह फल भी सांसारिक कामना के लिए लाल अथवा पीला और वैराग्य की प्राप्ति के लिए केला या श्रीफल हो सकता है। याद रखें कि फल खट्टे ना हो। 

 
* मिठाई 

मिठाई का भी महत्व होता है। अगर हाथ की बनी खीर, हलवा या केशरिया चावल बना कर खिलाया जाए तो देवी प्रसन्न होती है। 

 
*वस्त्र 

इन्हें वस्त्र देने का महत्व है जैसे फ्रॉक आदि लेकिन सामर्थ्य अनुसार रूमाल या रंगबिरंगे रिबन दिए जा सकते हैं। 

 
* श्रृंगार सामग्री

 देवी से सौभाग्य और संतान प्राप्ति की मनोकामना की जाती है। अत: कन्याओं को पांच प्रकार की श्रृंगार सामग्री देना अत्यंत शुभ होता है। इनमें बिंदिया, चूड़ी, मेहंदी, बालों के लिए क्लिप्स, सुगंधित साबुन, काजल, नेलपॉलिश, टैल्कम पावडर इत्यादि हो सकते हैं। 

 
* खेल-सामग्री

बच्चियों को खेल-सामग्री देना चाहिए। आजकल बाजार में खेल सामग्री की अनेक किस्में उपलब्ध है। पहले यह रिवाज पांचे, रस्सी और छोटे-मोटे खिलौनों तक सीमित था। अब तो ढेर सारे विकल्प मौजूद है। 

 
* शिक्षण सामग्री

कन्याओं को शिक्षण सामग्री दी जानी चाहिए। आजकल बाजार में विभिन्न प्रकार के पेन, पेंसिल, कॉपी, ड्रॉईंग बुक्स, कंपास, वाटर बॉटल, लंच बॉक्स उपलब्ध है। 

 
* दक्षिणा

नवरात्रि की अष्टमी सबसे पवित्र दिन माना जाता है। इस दिन अगर कन्या का अपने हाथों से श्रृंगार किया जाए तो देवी विशेष आशीर्वाद देती है। कन्या के दूध से पैर पूजने चाहिए। पैरों पर अक्षत, फूल और कुंकुम लगाना चाहिए। कन्या को भोजन कराना चाहिए और यथासामर्थ्य कोई भी भेंट देनी चाहिए। कन्या-पूजन में दक्षिणा अवश्य दें। 

 

* भोजन प्रसादी 

नवदुर्गा के अंतिम दिन खीर,ग्वारफली की सब्जी और दूध में गूंथी पूरियां कन्या को खिलानी चाहिए। उसके पैरों में महावर और हाथों में मेहंदी लगाने से देवी पूजा संपूर्ण होती है।

इस लेख को ध्यानपूर्वक पढ़ें और पढ़ कर इस ज्ञान को अपने तक ही ना रखें इसे अधिक से अधिक शेयर करें ताकि यह ज्ञान सब तक पहुंच सके क्योंकि ज्ञान का दान सर्वाधिक महत्वपूर्ण एवं लाभकारी है

✍आचार्य जे पी सिंह
ज्योतिष, वास्तु विशेषज्ञ एवं एस्ट्रो मेडिकल स्पेशलिस्ट www.astrojp.com,
www.astrojpsingh.com
Mob .9811558158

What is the importance of worshiping girls on Ashtami and Navami?

Girl worship has special significance in the nine-day festival.  Various worship rituals and aartis are performed on these days to please the Goddess.  Most communities, especially in the northern part of India, organize Kanya Pujan or Kanya Bhoj during Navratri.  Little girls are considered to symbolize the incarnation of the Mother Goddess.  In Kanya Pujan, girls are invited to homes and temples.  During this, they are given puri, gram, coconut, halwa, gifts and dakshina etc.

History of Kanya Pujan

Little girls are considered to be incarnations of Goddess Durga on earth and are worshiped on Durga Ashtami and Maha Navami.  In Hindu religious beliefs it is said that praying to man gives better results than praying to God.  Children are considered to be the purest form of human beings in the entire universe.  That's why people worship girl child as a pure soul.

Importance of Kanya Pujan

According to the Devi Bhagavata Purana, it is believed that by worshiping girls, the devotees get the real fruits of their worship.  Especially those who fast for nine days must worship girls at the end of Navratri.

How to do Kanya Bhoj

Traditionally, Kanya Pujan is performed by the devotees on the day of Ashtami or Navami.  Little girls, who are specially invited, are honored as manifestations of Maa Durga.  Devotees wash the feet of girls symbolizing the nine forms of Maa Durga.  A red thread is then tied around his wrist and red kumkum is applied on the forehead by the devotees. Food is then served before him.  Girls are also given coins, small gifts like stationery items like colored pencils, crayons and books

method of worshiping girl child

First of all, after the girls come home, put some milk and flowers in water in a big plate and wash the feet of the girls in it.  Wipe the feet with a clean cloth and touch the feet.  Now make the girls sit and apply vermilion on their forehead with light ghee.  After this apply Akshat and wear chunri along with offering flowers.  After this, feed poori, gram, halwa or food according to your ability with full devotion.  After having food, give some money along with gifts to the girls and take their blessings by touching their feet and apologize for the mistake.  In the end, give some raw rice in the hands of the girls and the women present in the house take it in their pallu.  After this send off the girls with respect.  After seeing off the girls, sprinkle rice and feet washed water in the whole house.

rules of girl worship

There is special importance of worshiping girls in Navratri.  It is very important to take care of some rules while worshiping the girl child.  It is considered best to do Kanya Pujan on Ashtami or Navami day.  A boy i.e. a langur along with girls is called for Kanya Pujan only from 2 to 10 years.  At least 9 girls must be called for Kanya Pujan.  You can even do 11 if you want.  Wash the feet of the girls before making them sit on the seat.  Make sure to offer food to Maa Durga before feeding the girls.  Garlic-onion should not be used in the food of girls at all.  Do not adulterate the food fed to the girls at all.

If you are worshiping girls on Ashtami and Navami then these 9 things

There is a special importance of worshiping little girls between the age of 2 to 5 years on the Ashtami and Navami days of Navratri.  By giving beautiful gifts to these little girls, their hearts can be won.  Navadurga can also be pleased through these.  According to Puranas, it is auspicious to give a special kind of gift to the girls.

* Flower

It is auspicious to gift flowers to girls.  Make sure to give one makeup item along with it.  If you want to please Mother Saraswati, then offer white flowers.  If you have any material desire in your heart, please them by giving red flowers.  (For example: rose, champa, mogra, marigold, hibiscus)

* Fruit

Worship girls by giving them fruits.  This fruit can also be red or yellow for worldly desires and banana or quince for attaining renunciation.  Remember that the fruit should not be sour.

* Sweet

Sweets also have importance.  The Goddess is pleased if handmade kheer, halwa or saffron rice is prepared and fed.

*Clothes

It is important to give them clothes like frock etc. but according to their ability, handkerchiefs or colorful ribbons can be given.

* makeup stuff

The goddess is wished for good luck and progeny.  Therefore, it is very auspicious to give five types of makeup to girls.  These may include bindiya, bangles, henna, hair clips, perfumed soap, kajal, nail polish, talcum powder, etc.

* Sporting Goods

Girls should be given sports material.  There are many varieties of sports equipment available in the market nowadays.  Earlier this custom was limited to fives, ropes and small toys.  Now there are many options available.

* learning material

Girls should be given teaching material.  Nowadays different types of pen, pencil, copy, drawing books, compass, water bottle, lunch box are available in the market.

* Dakshina

Ashtami of Navratri is considered the most sacred day.  On this day, if the girl is decorated with her own hands, then the goddess gives special blessings.  Feet should be worshiped with the milk of a girl.  Akshat, flowers and kumkum should be applied on the feet.  The girl should be fed and given any gift as far as possible.  Make sure to give Dakshina in Kanya-worship.

* Food Prasad

On the last day of Navadurga, kheer, vegetable of guarfali and puris kneaded in milk should be fed to the girl child.  The worship of the Goddess is complete by applying Mahavar on her feet and henna on her hands.

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✍ Acharya JP Singh
Astrology, Vastu Specialist & Astro Medical Specialist www.astrojp.com,
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