What is Rambha Tritiya fast ?


क्या है रंभा तृतीया व्रत- 

हमारे धर्म शास्त्रों में बताया गया है जेष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन रंभा तृतीया का व्रत किया जाता है. रंभा तृतीया के दिन सभी विवाहित महिलाएं पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ व्रत करती हैं. जिससे उन्हें गणेश जी की तरह बुद्धिमान संतान की प्राप्ति हो और उनके ऊपर माता पार्वती और शिव जी की कृपा हमेशा बनी रहे. हिंदू मान्यताओं के अनुसार समुद्र मंथन से निकले 14 रत्नों में एक रत्न रंभा भी थी, ऐसा माना जाता है कि स्वर्गलोक की अप्सरा रंभा अद्वितीय सुंदरी थी. कई साधक रंभा के नाम का जाप करके सम्मोहन सिद्धि प्राप्त करते हैं. 

रंभा तृतीया का महत्व- 

रंभा तृतीया के दिन विवाहित महिलाएं चूड़ियों के जोड़े की पूजा करती हैं. चूडियो के जोड़े को स्वर्ग लोक की अप्सरा रंभा का स्वरूप माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार रंभा तृतीया का व्रत अप्सरा रंभा ने सौभाग्य प्राप्त करने के लिए किया था. इसलिए इसे रंभा तृतीया कहा जाता है. रंभा तृतीया का व्रत सभी सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और बुद्धिमान संतान प्राप्त करने के लिए करती हैं. रंभा तृतीया के व्रत को कुंवारी कन्याए भी अच्छा वर प्राप्त करने की कामना से करती हैं. मान्यताओं के अनुसार जो भी कुंवारी कन्या पुरे श्रद्धा भाव से रम्भा तृतीया का व्रत करती है उसे मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त होता है. रम्भा तृतीया का व्रत शिव पार्वती की कृपा

मनवांछित वर के लिए कुंवारी कन्याएं रखें रंभा तीज का व्रत

हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रंभा तृतीया का व्रत रखा जाता है। इन दिन कुंवारी कन्याएं मनभावन पति के लिए व्रत रखती हैं। वहीं सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्रत रखती हैं। मान्यता है कि इस व्रत को रखने से संतान सुख भी मिलता है। रंभा तृतीया के दिन माता पार्वती के साथ भगवान शिव की पूजा की जाती है। इसके साथ ही मां लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सौभाग्य की प्राप्ति के लिए अप्सरा रंभा ने इस व्रत को रखा था। इसी कारण इसे रंभा तीज भी कहा जाता है। जानिए रंभा तृतीया का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व।

रंभा तीज के दिन पूजा के दौरान पढ़ें ये कथा

पौराणिक कथा के अनुसार पृथ्वी के निर्माण के लिए एक बार ब्रह्मा जी नारायण से बात कर रहे थे, भगवान विष्णु भी पृथ्वी के निर्माण के बारे में विचार करने लगे. इस ​बीच माता लक्ष्मी नारायण से नाराज हो गईं और क्षीर सागर की गहराइयों में समा गईं. लक्ष्मी के लुप्त होने से सभी देवता और दानव श्री हीन हो गए. हर तरह त्राहिमाम त्राहिमाम होने लगा. संसार के सुचारू रूप से संचालन के लिए लक्ष्मी का होना बहुत जरूरी है. वही सृष्टि के निर्माण के लिए बहुत सी चीजों की जरूरत थी. ऐसी तमाम चीजें क्षीर सागर में छिपी थीं.
भगवान विष्णु ने तय किया कि वे देवताओं और दानवों के बीच समुद्र का मंथन कराएंगे. लेकिन इसके लिए देवता और दानव, कोई भी तैयार नहीं था. तब नारायण ने उन सभी को समुद्र मंथन से अमृत का लालच दिया और समुद्र मंथन करने के लिए कहा. अमृत के लालच में सभी देवताओं और दानवों ने मिलकर मंदार पर्वत की सहायता से समुद्र मंथन किया. इस बीच समुद्र से 14 रत्न निकले. इसमें से एक अप्सरा रंभा भी थीं. सबसे आखिर में माता लक्ष्मी समुद्र से बाहर आयीं. कहा जाता है कि ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया को अप्सरा रंभा अवतरित हुईं थीं. वे बेहद खूबसूरत थीं. तब से इस दिन को रंभा तीज के नाम से जाना जाने लगा और इस दिन अप्सरा रंभा की पूजा की जाने लगी.

रंभा तीज 2023 की तिथि

ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि आरंभ: 21 मई को रात 10 बजकर 9 मिनट से शुरू

ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि समाप्त- 22 अप्रैल रात 11 बजकर 19 मिनट तक
तिथि- उदया तिथि के हिसाब से रंभा तीज का व्रत 22 मई को रखा जाएगा।

रंभा तीज 2023 पर बन रहे शुभ योग

द्विपुष्कर योग – 21 मई को सुबह 9 बजकर 4 मिनट से शुरू होकर रात 10 बजकर 9 मिनट तक
अमृतसिद्धि योग – 22 मई को सुबह 5 बजकर 47 मिनट से 10 बजकर 37 मिनट तक
सर्वार्थ सिद्धि योग – 22 मई को सुबह 5 बजकर 47 मिनट से 10 बजकर 37 मिनट तक

कैसे करें पूजन

रंभा तीज के दिन यानी ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया के दिन प्रात: दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

अब पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें।

- भगवान सूर्य देव के लिए दीपक प्रज्वलित करें।

- इस दिन अप्सरा रंभा की पूजा भी की जाती है।
इस दिन विवाहित स्त्रियां पूजन में गेहूं, अनाज और फूल से लक्ष्मी जी की पूजा करती हैं।

- इस दिन लक्ष्मी जी तथा माता सती को प्रसन्न करने के लिए पूरे विधि-विधान से पूजन किया जाता है। 

- कई स्थानों पर विवाहित स्त्रियां चूड़ियों के जोड़े की पूजा करती हैं, जिसे रंभा (अप्सरा) और देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है।

- रंभा तृतीया का व्रत शिव-पार्वती जी की कृपा, श्री गणेश जी जैसी बुद्धिमान संतान और सुहाग की रक्षा के लिए यह व्रत किया जाता है।

- पूजन के समय ॐ महाकाल्यै नम:, ॐ महालक्ष्म्यै नम:, ॐ महासरस्वत्यै नम: आदि मंत्रों का किया जाता है।
 

रंभा तीज व्रत जिस घर में किया जाता है, वहां सुख-समृद्धि, शांति, सुंदरता, पति को लंबी उम्र और मनोकामना पूर्ण होती है।

इस लेख को ध्यानपूर्वक पढ़ें और पढ़ कर इस ज्ञान को अपने तक ही ना रखें इसे अधिक से अधिक शेयर करें ताकि यह ज्ञान सब तक पहुंच सके क्योंकि ज्ञान का दान सर्वाधिक महत्वपूर्ण एवं लाभकारी है

✍आचार्य जे पी सिंह
ज्योतिष, वास्तु विशेषज्ञ एवं एस्ट्रो मेडिकल स्पेशलिस्ट www.astrojp.com, 
www.astrojpsingh.com
Mob .9811558158

What is Rambha Tritiya fast?

It has been told in our religious scriptures that Rambha Tritiya fast is observed on the third day of Shukla Paksha of Jeshtha month.  On the day of Rambha Tritiya, all married women fast with full devotion and faith.  So that they get an intelligent child like Ganesh ji and the blessings of Mother Parvati and Shiv ji remain on them forever.  According to Hindu beliefs, Rambha was one of the 14 gems that emerged from the churning of the ocean.  Many sadhaks achieve hypnosis by chanting the name of Rambha.

Importance of Rambha Tritiya-

Married women worship a pair of bangles on the day of Rambha Tritiya.  The pair of bangles is considered to be the form of Apsara Rambha of heaven.  According to the scriptures, Apsara Rambha fasted on Rambha Tritiya to get good fortune.  That's why it is called Rambha Tritiya.  Rambha Tritiya fast is observed by all married women for the long life of their husbands and to get intelligent children.  Unmarried girls also observe the fast of Rambha Tritiya with the wish of getting a good husband.  According to beliefs, any unmarried girl who fasts on Rambha Tritiya with full devotion gets the desired life partner.  Fasting of Rambha Tritiya, Grace of Shiva and Parvati

Unmarried girls keep Rambha Teej fast for desired groom

According to the Hindu calendar, Rambha Tritiya fast is observed on Tritiya Tithi of Shukla Paksha of Jyestha month.  On these days unmarried girls fast for a pleasing husband.  On the other hand, married women fast for the long life and good health of their husbands.  It is believed that keeping this fast also gives happiness of children.  Lord Shiva is worshiped along with Mother Parvati on the day of Rambha Tritiya.  Along with this, there is a law to worship Goddess Lakshmi.  According to mythological beliefs, Apsara Rambha kept this fast to get good luck.  For this reason it is also called Rambha Teej.  Know the auspicious time, worship method and importance of Rambha Tritiya.

Read this story during worship on the day of Rambha Teej

According to the legend, once Brahma ji was talking to Narayan for the creation of the earth, Lord Vishnu also started thinking about the creation of the earth.  Meanwhile, Mother Lakshmi got angry with Narayan and got absorbed in the depths of Kshir Sagar.  Due to the disappearance of Lakshmi, all the gods and demons became inferior.  Trahimam Trahimam started happening in every way.  It is very important to have Lakshmi for the smooth functioning of the world.  Many things were needed for the creation of the same universe.  All such things were hidden in Kshir Sagar.
Lord Vishnu decided that he would churn the ocean between the gods and the demons.  But for this, no one, the gods and the demons, was ready.  Then Narayan lured all of them to churn the ocean and asked them to churn the ocean.  In the greed of nectar, all the gods and demons together churned the ocean with the help of Mandar mountain.  Meanwhile, 14 gems emerged from the ocean.  Apsara Rambha was also one of them.  At last, Mata Lakshmi came out of the sea.  It is said that Apsara Rambha incarnated on the third day of Shukla Paksha of Jyestha month.  She was very beautiful.  Since then this day came to be known as Rambha Teej and Apsara Rambha was worshiped on this day.

Rambha Teej 2023 date

Tritiya Tithi of Shukla Paksha of Jyestha month begins: May 21 at 10:09 pm

Tritiya Tithi of Shukla Paksha of Jyeshtha month ends - April 22 at 11.19 pm
Date- According to Udaya Tithi, Rambha Teej fast will be observed on 22nd May.

Auspicious yoga is being made on Rambha Teej 2023

Dwipushkar Yoga – May 21, starting at 9:04 am and ending at 10:90 pm
Amritsiddhi Yoga – May 22 from 5.47 am to 10.37 am
Sarvartha Siddhi Yoga – May 22 from 5.47 am to 10.37 am

how to worship

On the day of Rambha Teej i.e. Jyeshtha Shukla Tritiya, after retiring from daily work in the morning, wear clean clothes.

Now sit facing the east direction.

- Light a lamp for Lord Surya Dev.

Apsara Rambha is also worshiped on this day.
On this day married women worship Lakshmi ji with wheat, grains and flowers.

- On this day, to please Lakshmi ji and Mata Sati, worship is done with full rituals.

- In many places married women worship a pair of bangles, which is considered to be the symbol of Rambha (Apsara) and Goddess Lakshmi.

- The fast of Rambha Tritiya is observed for the grace of Shiva-Parvati, intelligent children like Shri Ganesh ji and for the protection of Suhag.

- Om Mahakalyai Namah, Om Mahalakshmyai Namah, Om Mahasaraswatyai Namah etc. mantras are done at the time of worship.

In the house where Rambha Teej fast is observed, happiness-prosperity, peace, beauty, long life of husband and wishes are fulfilled.

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✍ Acharya JP Singh
Astrology, Vastu Specialist & Astro Medical Specialist www.astrojp.com,
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