What is the astrological connection of abuse ?
गाली का ज्योतिष कनेक्शन क्या है ?
आम बोलचाल की भाषा में हर कोई कभी ना कभी अपशब्दों का प्रयोग करता है, ये अलग बात है कि अपशब्द का प्रयोग करना ठीक नहीं होता है, गुस्सा होने पर अक्सर लोग गालियां देने लगते हैं, लेकिन गालियों का नकारात्मक प्रभाव आप पर ही पड़ता है, जितना नुकसान सामने वाले का नही होता है उस से ज्यादा आपका हो जाता है, लोगों की कुंडली में अपशब्द को लेकर कई बातें लिखी होती हैं, व्यक्ति के स्वभाव के बारे में इस से पता चलता है, साथ ही अपशब्द का प्रयोग करने से आपकी किस्मत पर क्या असर पड़ेगा इस के बारे में भी संकेत मिल जाते हैं।
कानूनी रूप से गाली देने के लिये अलग अलग देशो मे अलग अलग धारायें लगती है और साबित होने पर कि अमुक को अमुक के द्वारा गाली देकर मानसिक रूप से आहत किया गया है तो गाली देने वाले को धन और शरीर से सजा भी झेलनी पडती है। गाली का क्यों दी जाती है कौन से ग्रह गाली देने के लिये अपनी युति प्रदान करते है कुंडली मे गाली देने से क्या लाभ और हानि होती है आदि बातो पर चलिये विवेचन करते है। खुद को भी गाली दी जाती है जानते हुये भी काम को खराब खुद के द्वारा कर दिया जाता है तो मन मे गाली उपज जाती है,और खुद के द्वारा ही खुद को गाली दी जाती है यह बात राहु जब लगन मे होता है और दिमाग भ्रम मे चला जाता है तो काम बनता हुआ भी खराब हो जाता है अकेले मे बैठ कर जब बिगडे काम को सोचा जाता है तो गाली खुद के लिये भी निकलती है और खुद को लोग कम ही गाली देते है ईश्वर को और समय को दोष देकर गाली देने लगते है। यह बात लगन के लिये प्रयोग मे ली जाती है। पंचम भाव संतान का होता है अगर पिता को पुत्र गाली देता है तो यह देखा जाता है कि पिता की गलत नीति भी हो सकती है पिता का अपने समाज के द्वारा चलायी जाने वाली मर्यादा से दूर होकर चलना होता है या सब कुछ होते हुये भी पिता के द्वारा पुत्र के प्रति वह काम नही किये जाते है जिनसे पुत्र की प्रोग्रेस हो रही हो,लेकिन पुत्र जब पिता को गाली देता है तो पिता का मृत्यु जैसा कारण बन जाता है,जैसे मौत भी आठ प्रकार की होती है और एक मौत यह भी कहलाती है कि पिता को पुत्र गाली दे। नवा भाव धर्म का होता है और भाग्य का भी होता है लेकिन नवा भाव साली का भी होता है और देवर का भी होता है साली अगर गाली देती है तो बहुत अच्छी लगती है उसी जगह पर जब भाभी देवर को गाली देती है तो भी अच्छी लगती है इसके लिये एक बात को और भी देखा जाता है कि सप्तम जीवन साथी का होता है और जीवन साथी का पराक्रम नवा भाव होता है जीवन साथी का पराक्रम जितना अच्छा प्रभावी होता है उतना ही गाली खाने का सुख भी अलग से बहुत मायने रखता है। देवर अगर भाभी की गाली खाता है तो भाभी की मान्यता हंसी मजाक मे गाली देने के लिये मानी जाती है और लोग चलकर भाभी को छेडने का उपक्रम रचते है जिससे भाभी गाली दे और माहौल मे चलती हुयी नीरसता मे सरसता का प्रभाव शुरु हो जाये। उसी स्थान पर जब ससुराल मे साली खुद को गाली देती है तो भी सुनने मे अच्छा लगता है लोग ससुराल जाते भी इसी लिये है कि वे गाली सुने और प्रहसन को महसूस करे। नवा भाव दसवे का बारहवा होता है यह भाव किये जाने वाले कर्म का मोक्ष स्थान होता है जब काम से मन दूर होने लगता है तो प्रहसन का कारण लोग बनाने लगते है। क्योंकि नवा भी पंचम का पंचम है और पंचम जब मनोरंजन का है तो मनोरंजन से मनोरंजन को प्रकट करने वाला भाव भी नवा हो जाता है। पति पत्नी को गाली देता है पत्नी भी पति को गाली देती है। पति पत्नी को तभी गाली देता है जब पति के अनुरूप पत्नी काम नही करती है। गाली देने का कारण हर भाव के बारहवे भाव से पैदा होता है जैसे पुत्र को गाली दी जाती है तो पुत्र के बारहवे भाव चौथे को सामने लाकर माँ की गाली से नवाजा जाता है साली को गाली दी जाती है तो अष्टम के शब्दों को प्रयोग मे लाया जाता है जो शब्द किसी न किसी प्रकार से यौन सम्बन्धो से जुडे होते है यही बात देवर के लिये भी देखी जाती है। पति जब पत्नी को गाली देता है तो गाली मे खुद के छठे भाव का रूप सामने होता है जैसे खुद का शरीर से स्वस्थ नही होना,काम का बोझ अधिक होना,नई नई शादी के बाद अधिक यौन सम्बन्धो से सिर का भारी रहना और शरीर मे बल की कमी हो जाना,शरीर मे अधिक यौन सम्बन्धो से बल की कमी होने से रोगो का प्रभावी हो जाना बुखार या टीबी जैसी बीमारी का हो जाना अधिक कमजोरी से माथे के भारी होने से काम मे मन नही लगना और जो करना उस काम का खराब हो जाना आदि बातो से होने वाली आय मे कमी हो जाना एक तरफ़ घर वालो की जिम्मेदारी एक तरफ़ पत्नी की जिम्मेदारी पत्नी और घर के सदस्यो या माता के सामजस्य को बैठाने मे तथा मानसिक कारणो के समझने या समझाने मे (चौथे से चौथा) भ्रम या कनफ़्यूजन से बात का बढते जाना आदि बाते मानी जाती है। गाली मन को आहत करती है। सम्बन्धित भाव के चौथे भाव का मालिक जब राहु शनि मंगल सूर्य के साथ होता है तो गाली का रूप मे मन मे पैदा हो जाता है या तो गाली देनी पडती है या गाली सुननी पडती है। शनि जब अष्टम मे होता है तो गाली सुनने मे मजा आता है वह गाली चाहे जैसी भी हो,इसके साथ ही लगनेश का अष्टम मे होना आजीवन गाली सुनने का कारण बनता रहता है।
बुध जब अष्टम मे हो तो आजीवन गाली देने की आदत बन जाती है,एक तकिया कलाम भी बोलते समय बन जाता है जो गाली के रूप मे भी हो सकता है और जब बुध के साथ चन्द्रमा अपने गोचर से चलता है तो गाली का रूप मजाकिया होता है बुध के साथ मंगल चलता है तो गाली कडे शब्दो की होती है इस युति मे अगर शनि की क्रिया भी गलत भावो से होती है तो गाली के बाद मरने मारने की बात भी सामने आजाती है रिस्ते खत्म हो जाते है लोगो को बडे से बडा नुकसान भी झेलना पडता है। लेकिन हर गाली के पहले का रूप केवल हंसी या प्रहसन ही होता है। बात को बढाने के लिये केवल अपनी पूरी जानकारी सामने वाले के पास होती है गाली को केवल मंगल का डर ही दबा सकता है बाकी मानसिक रूप से गाली देने को बददुआ भी कहा जाता है। ग्रामीण परिवेश मे महिलाये अक्सर अपने पति को गाली देने के लिये उल्टा सीधा काम करती है और जान बूझ कर भी चिढाने का प्रयास करती रहती है जिससे उनका पति गाली दे और आसपास के लोग समझे कि उस महिला का पति कितना गुस्सेबाज है। जब उस महिला से कहा जाता है कि उसका पति गाली देता है उसका जबाब क्यों नही देती है तो वह महिला कहती है- "अन्न की छार पिया की गारी,कबहुं ने मेटे नाथ हमारी",यानी घर से अन्न भोजन और पति की तेज तर्रार तथा गाली बातें ईश्वर उस महिला को हमेशा देता रहे।पति और पत्नी का रिस्ता उसी प्रकार से माना जाता है जैसे मुकद्दमा मे पक्ष और विपक्ष का होता है। मुकद्दमा चलने का कारण भी दूसरा भाव और अष्टम भाव होता है तो विवाह के बाद पति पत्नी के लिये भी आपसी सामजस्य दूसरे और अष्टम से जुडा होता है। अगर पक्ष और विपक्ष के दोनो भावो के ग्रह बली है तो आजीवन मुकद्दमा चलता रहता है उसी प्रकार से विवाह मे भी पति पत्नी के दोनो भावो के ग्रह मजबूत है तो आजीवन सम्बन्ध चलता रहता है। मुकद्दमे का न्याय जज करता है और पति पत्नी के सम्बन्धो का न्याय उनके द्वारा किये गये कर्म और प्रकृति करती है। हिन्दी के जिस शब्द के अन्त मे अक्षर "ली" लगा होता है वहां पर गाली का कोई न कोई रूप सामने आजाता है,जैसे साली रिस्ते से गाली गलौज में घरवाली आजीवन की जद्दोजहद मे हमाली आदेश से काम करने वाले के प्रति दलाली खरीद बेच मे कमीशन के कम अधिक होने पर या ली जाने वाली चीज की गुण्वत्ता पर,ख्याली यानी काम नही करने पर और सोचने से ही जरूरतो को पूरा नही करने पर मलाली यानी समय की कीमत नही पहिचाने जाने पर समय का मूल्य नही मिलने पर असली को नकली के द्वारा बेअकली को अकली के द्वारा चली को बिना चली के द्वारा आदि शब्दो से सोचा जा सकता है। जीवन मे गाली की बहुत बडी महत्ता है,शब्दो के द्वारा कार्य को बना दिया जाना या बिगाड दिया जाना,कोई रास्ता चलते अनजान व्यक्ति बुरी गाली देता है तो गाली देने वाले का सिर फ़ोड दिया जाता है। गाली तो शब्दो से दी गयी थी लेकिन कार्य शरीर ने कर दिया। अगर गाली का उद्देश्य समझ लिया जाता तो भी बहुत बडी बात सामने होती कि एक सीख मिल जाती या एक प्रकार की सहनशीलता का कारण बन जाता। पति पत्नी की गाली गलौज दोनो के प्रति तभी कारण रूप मे बनती है जब दोनो मे ही पति किसी न किसी प्रकार से कमजोर होता है,पति पत्नी की जीवन के क्षेत्र मे बराबर की लडाई मानी जाती है अगर पत्नी किसी भी बात मे हर बार जीत जाती है तो वह पति को अन्दरूनी रूप से आहत करती रहती है और उस आहत होने का जबाब गाली गलौज से शुरु हो जाता है,इस प्रकार पति का दूसरा और अष्टम कमजोर होना माना जाता है यानी धन या भोजन की कमी और कामसुख और गुप्त बातो से अन्जान होना,इसी प्रकार से पत्नी भी तभी पति पर हावी हो सकती है जब वह दूसरे और अष्टम को सबल रखती हो यानी अपने परिवार धन और बातो से तथा गुप्त जानकारी रखने के बाद पति की हर बात का पता रखने पर और अन्दरूनी बातो को हर प्रकार से जानने पर।
पति पत्नी मे गाली सामयिक ही होती है कभी भी लम्बी चलने वाली नही होती है समझदार लोग गाली देने वाले को और अधिक गाली देने के लिये उत्साहित करते है और चाहते है कि वह पूरी तरह से उत्तेजना मे आजाये और कोई अहित करने की सोच ले,जैसे ही सामने वाला अहित करने की सोचता है समझदार लोग गाली देने वाले को अपने शिकंजे मे ले लेते है,लेकिन जो समझदार नही होते है वह गाली देने वाले के समानान्तर मे गाली देना शुरु कर देते है,परिणाम मे खुद का भी बुरा कर लेते है और सामने वाले को आगे बढने का मौका भी देते है।
कहा भी गया है-
गाली आवत एक है,उलटत होय अनेक,जो कबीर चुपि हो रहे तो वही एक की एक यानी गाली देने वाले ने गाली दी है और उसका जबाब गाली से न दिया जाये और चुप रहा जाये तो गाली देने वाले को प्रतिउत्तर नही मिलने पर वह गाली एक ही रह जायेगी।
क्या आपको पता है कि गालियां या फिर अपशब्दों का प्रयोग हम ग्रहों के प्रभाव में करते हैं, कैसे इस आदत से छुटकारा पाया जा सकता है, जानने के लिए पढ़िए।
आम बोलचाल की भाषा में हर कोई कभी ना कभी अपशब्दों का प्रयोग करता है, ये अलग बात है कि अपशब्द का प्रयोग करना ठीक नहीं होता है, गुस्सा होने पर अक्सर लोग गालियां देने लगते हैं, लेकिन गालियों का नकारात्मक प्रभाव आप पर ही पड़ता है, जितना नुकसान सामने वाले का नही होता है उस से ज्यादा आपका हो जाता है, लोगों की कुंडली में अपशब्द को लेकर कई बातें लिखी होती हैं, व्यक्ति के स्वभाव के बारे में इस से पता चलता है, साथ ही अपशब्द का प्रयोग करने से आपकी किस्मत पर क्या असर पड़ेगा इस के बारे में भी संकेत मिल जाते हैं।
कुंडली और वाणी का संबंध
सबसे पहले हम आपको बताएंगे कि आपकी कुंडली और वाणी का क्या संबंध है, कुंडली का दूसरा, तीसरा और आठवां भाव वाणी से सम्बन्धित होता है। इन भावों में अशुभ ग्रह होने से किसी भी शख्स की वाणी खराब हो जाती है। ज्योतिष के मुताबिक भाषा या फिर वाणी को सबसे ज्यादा नुकसान राहु और मंगल करते हैं.
ये ग्रह करते हैं वाणी खराब
राहु और मंगल के प्रभाव में व्यक्ति पता नहीं क्या क्या बोलता है, वो गालियां देने लगता है, शनि का प्रभाव होने के बाद तो अपशब्दों के प्रयोग की आदत पड़ जाती है। बुध के कारण भी व्यक्ति अपशब्द बोलता है हालांकि ऐसी दशा में व्यक्ति अपशब्द हमेशा नहीं बोलता. तो ये वो ग्रह हैं जिनके प्रभाव के कारण अपशब्दों का प्रयोग होता है।
अपशब्दों का अंजाम
अब आपको बताते हैं कि अपशब्द या फिर गालियां देने से क्या असर पड़ता है, अपशब्द बोलने वाले शख्स की आर्थिक हालत खराब हो जाती है। धन के मामले में हमेशा स्थिति ऊपर नीचे वाली बनी रहती है। कभी भी जीवन एख समान रफ्तार से नहीं चल पाता है, जरूरी मौकों पर पैसे की कमी रहती है।
ये बीमारियां हो सकती हैं
अपशब्दों का प्रयोग करने वाले लोगों को गले या मुंह की बीमारी होने की संभावना भी होती है, इनका बुध कमजोर होता जाता है याद रखने की क्षमता भी कम होने लगती है। जीवन में पतन का सामना करना पड़ता है। जैसे खुद मुसीबत को अपने पास बुला रहे हों, ग्रहों के प्रभाव के कारण ये सब हो सकता है।
कैसे ठीक होगी ये आदत
जब अपशब्द और गालियां देने के इतने नुकसान हो सकते हैं तो इस आदत को छोड़ देना ही ठीक है,इसके लिए भी हम आपको कुछ उपाय बता रहे हैं, रोज सुबह सूर्य देवता को अर्घ्य दें, उसके बाद जोर जोर से गायत्री मंत्र का जाप करें. सुबह तुलसी के पत्तों का सेवन जरूर करें। अपने खान पान को हमेशा शुद्ध और सात्विक रखें।अपने भोजन में दूध से बनी चीजों की मात्रा बढ़ा दें।
इस लेख को ध्यानपूर्वक पढ़ें और पढ़ कर इस ज्ञान को अपने तक ही ना रखें इसे अधिक से अधिक शेयर करें ताकि यह ज्ञान सब तक पहुंच सके क्योंकि ज्ञान का दान सर्वाधिक महत्वपूर्ण एवं लाभकारी है
✍आचार्य जे पी सिंह
ज्योतिष, वास्तु विशेषज्ञ एवं एस्ट्रो मेडिकल स्पेशलिस्ट www.astrojp.com,
www.astrojpsingh.com
Mob .9811558158
What is the astrological connection of abuse?
In the language of common parlance, everyone uses profanity sometimes, it is a different matter that it is not right to use profanity, when angry people often start abusing, but the negative effect of abusing is on you only. , The loss that does not happen to the person in front, becomes more yours than that, many things are written in the horoscope of people about bad words, it shows about the nature of the person, as well as using bad words, your Indications are also given about what will be the effect on luck.
There are different sections in different countries for legally abusing and if it is proved that so and so has been mentally hurt by abusing by such and such, then the abuser has to face monetary and physical punishment as well. Why is abuse given, which planets provide their alliance for abusing, what are the benefits and harms of abusing in the horoscope, etc. Let's discuss these things. Even oneself is abused, even knowing that the work is done badly by oneself, then abuse arises in the mind, and one is abused by oneself, this thing happens when Rahu is in the passion and the mind is confused. When I go to work, it gets spoiled even when it is being done. Sitting alone, when I think about the spoiled work, then abuse comes out for myself as well and people rarely abuse themselves, instead of abusing God and time by blaming them. It seems This thing is used for passion. The fifth house belongs to the child, if the son abuses the father, then it is seen that the father may have a wrong policy, the father has to walk away from the norms set by his society, or despite everything, the father Those things are not done towards the son through which the son is progressing, but when the son abuses the father, it becomes the cause of the death of the father, as there are eight types of death and one death also. It is said that the son should abuse the father. Nava bhav is of religion and luck also but nava bhav is of sister-in-law as well as brother-in-law. If sister-in-law abuses, she likes it very much. For this, one more thing is also seen that the seventh house belongs to the life partner and the might of the life partner is the new house. If the brother-in-law abuses the sister-in-law, then the recognition of the sister-in-law is considered to be abusing in jest and people walk and create an initiative to tease the sister-in-law so that the sister-in-law abuses and the effect of sarcasm starts in the dullness going on in the atmosphere. At the same place, when the sister-in-law abuses herself in the in-laws' house, it is good to hear it, people go to the in-laws' house only because they hear the abuses and feel the comedy. The ninth house is the twelfth of the tenth, this house is the place of salvation for the work done, when the mind starts moving away from the work, then people start making jokes. Because Nava is also the fifth of the fifth and when the fifth is of entertainment, then the expression of entertainment from entertainment also becomes Nava. The husband abuses the wife, the wife also abuses the husband. The husband abuses the wife only when the wife does not act according to the husband. The reason for abusing arises from the twelfth house of every house, like if a son is abused, then the twelfth house of the son is brought to the fore and the fourth house is rewarded with the mother's abusing; if the sister-in-law is abused, then the words of the eighth house are used. The words which are related to sexual relations in one way or the other, the same thing is also seen for brother-in-law. When a husband abuses his wife, then the form of his own sixth house is revealed in the abuse, such as not being physically healthy, being overburdened with work, being heavy in the head due to excessive sexual relations after a new marriage, and in the body. Loss of strength, lack of strength in the body due to excessive sexual relations, diseases become effective, diseases like fever or TB, due to excessive weakness, heaviness of the forehead, lack of interest in work, and whatever work is done, that work will be spoiled. Reduction in income due to things like etc. On one hand it is the responsibility of the family members, on the other hand it is the responsibility of the wife to reconcile the wife and family members or mother and to understand or explain the mental reasons (fourth to fourth) confusion or Confusion is considered to increase the talk etc. Abuse hurts the mind. When Rahu, Saturn, Mars, the owner of the fourth house of the concerned house, is with the Sun, then it is born in the mind in the form of abuse, either one has to abuse or one has to listen to abuse. When Saturn is in the eighth house, then it is fun to hear abuses, whatever the abuse may be, along with this, the presence of ascendant in the eighth house becomes the reason for hearing abuses for life.
When Mercury is in the eighth house, it becomes a habit of abusing for life, a catchphrase is also made while speaking, which can also be in the form of abuse, and when the Moon moves through its transit with Mercury, then the form of abuse is funny. If Mars moves with Mercury, then abuses are done with harsh words. If Saturn's action is also done with wrong feelings, then after abusing, the matter of killing also comes to the fore. also have to bear. But the form before every abuse is only laughter or farce. To increase the matter, only the person in front has his complete information, only the fear of Mars can suppress the abuse, rest, abusing mentally is also called curse. In rural environment, women often do the opposite of abusing their husbands and deliberately try to tease them so that their husband abuses them and the people around understand how angry that woman's husband is. When that woman is told that her husband abuses her, why doesn't she answer him, then that woman says- "Anna ki chhar piya ki gari, kabhun ne mete nath hamari", which means food from home and husband's strong temper. And may God always give abusive words to that woman. The relationship between husband and wife is considered in the same way as that of the parties and the opposition in a lawsuit. The reason for litigation is also the second house and the eighth house, so after marriage, mutual harmony between husband and wife is also related to the second house and the eighth house. If the planets of both the parties and the opposition are strong, then the litigation continues for life, similarly in marriage, if the planets of both the houses of the husband and wife are strong, then the relationship continues for life. The judge judges the case and the relationship between husband and wife is judged by their deeds and nature. At the end of a Hindi word, which has the letter "Li" in it, one or the other form of abuse comes to the fore, such as abusing a sister-in-law in a relationship, in a struggle for life, in a life-long struggle, in buying and selling a brokerage against a person working under our orders. If the commission is less or more or on the quality of the things taken, by not working and not fulfilling the needs by thinking, Malali means by not recognizing the value of time, by not getting the value of time, by exchanging the original as fake. By Aakli, by Akali, by Chali, without Chali, etc. can be thought of. There is a great importance of abuse in life, work can be made or spoiled by words, if an unknown person abuses badly while walking on a path, then the person who abuses is beheaded. The abuse was given with words but the body did the work. Even if the purpose of the abuse was understood, a big thing would have come to the fore that a lesson would have been learned or a reason for some kind of tolerance would have been created. Abusing husband and wife towards both becomes a reason only when the husband is weak in some way or the other, husband and wife are considered to be equal in the field of life if the wife wins every time in any matter. When she goes, she keeps on hurting the husband internally and the answer to that hurt starts with abusing, in this way the husband is considered to be the second and eighth weakness i.e. lack of money or food and love and secret talks. Being ignorant of, in the same way, the wife can also dominate the husband only when she keeps the second and the eighth, i.e. from her family, money and things and after keeping secret information, after knowing everything about the husband and keeping the inside things. On knowing in every way.
Abuse between husband and wife is temporary and never long-lasting. Wise people encourage the abuser to abuse more and want him to get completely excited and think of harming someone. As soon as the person in front thinks of doing harm, the intelligent people take the abuser in their clutches, but those who are not intelligent, start abusing parallel to the abuser, as a result they harm themselves too. And also gives a chance to the person in front to move forward.
It has also been said-
Abuses are one, on the contrary, many, if Kabir is silent, then he is only one, that is, the abuser has abused and if he is not answered with abuse and remains silent, then the abuser does not get a response, then he abuses. Only one will remain.
Do you know that we use abusive or abusive words under the influence of planets, read to know how to get rid of this habit.
In the language of common parlance, everyone uses profanity sometimes, it is a different matter that it is not right to use profanity, when angry people often start abusing, but the negative effect of abusing is on you only. , The loss that does not happen to the person in front, becomes more yours than that, many things are written in the horoscope of people about bad words, it shows about the nature of the person, as well as using bad words, your Indications are also given about what will be the effect on luck.
relation between horoscope and speech
First of all, we will tell you what is the relation between your horoscope and speech, the second, third and eighth house of the horoscope is related to speech. Due to the presence of inauspicious planets in these houses, any person's speech gets spoiled. According to astrology, Rahu and Mars do the most damage to language or speech.
These planets make speech bad
Under the influence of Rahu and Mars, a person does not know what he says, he starts abusing, after the influence of Saturn, he gets used to using bad words. Due to Mercury also a person speaks bad words, although in such a condition the person does not always speak bad words. So these are the planets due to whose influence bad words are used.
result of bad words
Now let us tell you what is the effect of abusing or abusing, the economic condition of the person who utters bad words gets worse. In the case of money, the situation always remains top-down. Life never runs at the same pace, there is a shortage of money on important occasions.
these diseases can be
People who use bad words are also likely to have throat or mouth disease, their Mercury becomes weak and their ability to remember also starts decreasing. One has to face downfall in life. As if you are calling trouble to yourself, all this can happen due to the effect of planets.
How will this habit be cured
When abusing and abusing can cause so much harm, then it is better to leave this habit, for this also we are telling you some remedies, every morning offer Arghya to the Sun God, after that chant Gayatri Mantra loudly. . Do eat basil leaves in the morning. Always keep your food and drink pure and pure. Increase the amount of things made of milk in your food.
Read this article carefully and do not keep this knowledge to yourself after reading, share it as much as possible so that this knowledge can reach everyone because the donation of knowledge is most important and beneficial.
✍ Acharya JP Singh
Astrology, Vastu Specialist & Astro Medical Specialist www.astrojp.com,
www.astrojpsingh.com
Mob.9811558158
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