How is the sum of being rich made in the horoscope ?
कुंडली में कैसे बनता है धनवान होने का योग ?
जिस व्यक्ति की कुंडली में गुरु स्वराशि यानी धनु या मीन में हो या अपनी उच्च राशि के केंद्र स्थान में मौजूद हो तो दिव्य योग बनता है। आमतौर पर यह योग मेष, तुला, मकर और कर्क लग्न की कुंडली में बनता है। जिन लोगों की कुंडली में ये योग बनते हैं वे चरित्र के अच्छे और महान विचारों वाले होते हैं। ऐसे लोगों का जीवन सुखमय होता है।
अगर कुंडली में शनि पहले, चौथे, सातवें या दसवें भाव में होता है या स्वराशि मकर या कुंभ में विराजमान होता है तो शश योग बनता है। यह एक प्रकार का राजयोग है। साथ ही तुला राशि में शनि बैठा हो तब भी इस योग का शुभ परिणाम मिलता है। ग्रहों की शुभ या अशुभ स्थिति को देखकर व्यक्ति की परेशानी, धन-दौलत, यश आदि के बारे में बताया जाता है। जिस व्यक्ति की कुंडली में गुरु स्वराशि यानी धनु या मीन में हो या अपनी उच्च राशि के केंद्र स्थान में मौजूद हो तो दिव्य योग बनता है। आमतौर पर यह योग मेष, तुला, मकर और कर्क लग्न की कुंडली में बनता है। जिन लोगों की कुंडली में ये योग बनते हैं वे चरित्र के अच्छे और महान विचारों वाले होते हैं। ऐसे लोगों का जीवन सुखमय होता है।
आप अपने आसपास अक्सर यह देखते होंगे कि कोई व्यक्ति अचानक से धनवान बन जाता है. उसके पास थोडे़ ही दिनों में ऐशो आराम और सुख-सुविधा की सभी चीजें मौजूद हो जाती हैं. व्यक्ति की जीवन शैली में अचानक बदलाव आने लगता है क्योंकि व्यक्ति का भाग्य बदल जाता है उसे अचानक से धन की प्राप्ति होने लगती है. व्यक्ति जिस काम को करता है उसमें वह सफल होने लगता है और बाधाएं खत्म हो जाती है.
किसी व्यक्ति के जीवन में अचानक इस तरह का शुभ परिवर्तन उसकी कुंडली में मौजूद शुभ ग्रहों के योग के कारण संभव हो पाता है. आइए जानते हैं कुंडली में ऐसे कौन-कौन से योग होते हैं जिससे व्यक्ति अचानक से धनवान बन जाता जाता है.
दरअसल, किसी व्यक्ति के जीवन में अचानक इस तरह का शुभ परिवर्तन उसकी कुंडली में मौजूद शुभ ग्रहों के योग के कारण संभव हो पाता है. कुंडली में ग्रहों के संयोग से व्यक्ति को अचानक से धन-दौलत और ऐशो-आराम मिलने लगती है. वैदिक ज्योतिष के अनुसार कोई व्यक्ति तब अचानक से धनी बनता है जब उसकी कुंडली में ग्रह और भाव के स्वामी कुछ विशेष तरह के योग बनाते हैं. आइए जानते हैं कुंडली में ऐसे कौन-कौन से योग होते हैं जिससे व्यक्ति अचानक से धनवान बन जाता जाता है और जीवन में उसे सभी तरह की सुख-सुविधाएं व ऐशोआराम मिलने लगता है.
कुंडली में धन योग
कुंडली विश्लेषण के अनुसार कुंडली का दूसरा भाव धन का और एकादश लाभ का भाव कहलाया जाता है. कुंडली के दूसरे घर से पैतृक संपत्ति के बारे में विचार किया जाता है वहीं एकादश भाव से जातक स्वयं से धन अर्जित करत है.
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली के छठवें स्थान से नौकरी और सातवें स्थान से बिजनेस में साझेदारी का विचार किया जाता है. कोई व्यक्ति के धनवान बनने में इन दोनों भाव का अत्यंत महत्व होता है.
कुंडली में चौथा भाव जमीन-जायदाद और संपत्ति का विचार किया जाता है. इस भाव में शुभ ग्रहों के बैठने पर व्यक्ति को अचानक से धन-संपत्ति की प्राप्ति होती है.
जब किसी व्यक्ति की कुंडली में दूसरे भाव का स्वामी लाभ स्थान में आकर विराजमान हो जाए या फिर लाभ भाव का स्वामी धन भाव में जाकर बैठ जाता है तो व्यक्ति धनवान बनता है.
किसी व्यक्ति को तब अचानक से धन की प्राप्ति होती है या वह धनवान बनता है जब दूसरे और एकादश भाव के स्वामी त्रिकोण में विराजमान होकर एक दूसरे को देखते हों .
जब किसी जातक की कुंडली में छठे भाव के स्वामी एकादशी भाव के स्वामी के साथ उसी स्थान पर मौजूद होते हैं तो ऐसे लोग पहले नौकरी करते है फिर समय के साथ साथ बड़ा व्यापारी बन जाता है.
कुंडली में अगर शनि,मंगल और राहु जैसे ग्रह धन स्थान पर बली होकर बैठे हों तो व्यक्ति धनवान बनता है और अपनी मेहनत से जीवन में काफी ऊंचा स्थान प्राप्त होता है.
जब किसी जातक की कुंडली में दूसरे और चौथे भाव के स्वामी नौवें और दसवें स्थान पर बैठे हो तो व्यक्ति को माता के सहयोग से पैतृक संपत्ति की प्राप्ति हो सकती है.
जब दूसरे भाव के स्वामी आठवें भाव के स्वामी के साथ उसी स्थान में बलवान होकर बैठे तो जातक पर देवकृपा रहती है. ऐसे लोग को अचानक और गुप्त धन की प्राप्ति की हो सकती है.
जब किसी जातक की कुंडली में सू्र्य, गुरु और बुध उच्च रहते हुए लाभ भाव में जाकर विराजमान हो तो व्यक्ति बहुत बड़ा बिजनेसमैन बनकर धन संपत्ति अर्जित करता है.
कुंडली के 12 भावों में नौ ग्रहों की स्थिति किसी मनुष्य का आर्थिक भविष्य तय करती है। ग्रहों की युति, स्थिति जीवन में सुख-दुख लाती है।
अगर कुंडली में सूर्य और बुध दूसरे भाव में स्थित हों तो ऐसा व्यक्ति काफी प्रयासों के बाद भी पैसे की बचत करने में सक्षम नहीं होता। अगर कुंडली के दूसरे भाव में चंद्रमा स्थित हो, उस पर बुध की दुष्टि पड़ती हो तो उसके धन का नाश होने की आशंका होती है। अगर उसे पुरखों से धन मिलता है तो वह भी उसके पास नहीं रहता। कुंडली में चंद्रमा अकेला हो, उसके द्वादश में कोई भी ग्रह मौजूद न हो तो यह भी धन के संकट का योग होता है। ऐसा जातक धन के अभाव में कष्ट पाता है। दूसरे भाव में चंद्रमा स्थित हो तो ऐसे मनुष्य को प्रचुर मात्रा में धन प्राप्त होता है। उसे धनार्जन के लिए अधिक कष्ट नहीं उठाने पड़ते। वह सुख-सुविधओं के साधन आसानी से जुटा लेता है। दूसरे भाव में शुभ ग्रह हों तो ऐसा जातक धनवान होता है। उसे परिश्रम का लाभ मिलता है और आर्थिक बाधाएं अवश्य दूर हो जाती हैं। कुंडली का दूसरा भाव धन का परिचायक होता है। इसमें स्थिति ग्रहों की स्थिति जातक की आर्थिक स्थिति के बारे में जानकारी देती है। अगर दूसरे भाव में बुध पर चंद्रमा की दृष्टि पड़े तो यह जातक के लिए कष्टदायक होती है। ऐसे मनुष्य के जीवन में अक्सर धन की कमी होती है।
इनमे से कुछ धन योग भी हैं
1.चंद मंगल योग- इस योग को लक्ष्मी योग के नाम से भी जाना जाता हैं। यह योग चंद्र एवम मंगल की युति या केंद्र स्थिति के द्वारा बनता हैं। यह काफी बलवान योग हैं और हर परिस्थिति में फलदायी होता हैं भले ही लग्न व भाव स्थिति के कारण फल के अंशो में न्यूनता हों। यदि चंद्र-मंगल योग पहले भाव में, दूसरे, पांचवे, नववें व एकादश भाव में बने तो व्यक्ति अत्यधिक धनवान होता हैं।
2.महालक्ष्मी योग – यह योग अपने नाम के अनुसार ही फल देने वाला होता हैं। इस योग के बनने के कारणों से ही इस योग के सफल होने का पता चल जाता हैं। जन्म कुंडली में दूसरे भाव को धन स्थान कहते हैं। तथा ग्याहरवें भाव को लाभ भाव, जब इन दोनों भावों के स्वामियों का आपस में किसी भी प्रकार का सम्बंध बनता हैं तो इस योग का निर्माण होता हैं। यह योग अन्य सभी योगों में सबसे उत्तम फल देने वाला होता हैं।
3- कोटीपति योग- इस योग में जन्मा जातक करोडपति होता हैं। शनि केन्द्रगत हो तथा गुरु व शुक्र एक दूसरे से केंद्र या त्रिकोण भाव में बली हो, तथा लग्नेश बली हो तो यह योग बनता हैं। ऐसे जातक के पास स्थिर लक्ष्मी रहती है।
महाभाग्य योग बनता कैसे हैं ?
यह योग स्त्री व पुरुषो की जन्म कुंडली में अलग- अलग रूप में बनता हैं। इस योग को बनने के लिये चार स्थितियां महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। पुरुष का जन्म दिन में हो तथा स्त्री का जन्म रात्रि का हो। पुरुष का जन्म विषम लग्न में हो तथा स्त्री का जन्म सम राशि में हो। पुरुषों की पत्रिका में सूर्य विषम राशि में हो। स्त्री की पत्रिका में सम राशि में हो। पुरुषों का चंद्र विषम राशि में हो। जबकी स्त्री का जन्म सम राशि में हो।
इन स्थितियो में जन्मा जातक निसंदेह राजा की तरह जीवन जीता हैं।
दीपावली के दिन तीन चौमुखी दीपक को लाकर रखले रात्रि के समय इन्हे तीन अलग अलग स्थानो पर लेकर जाये –
1- प्रथम दीपक किसी मंदिर में शिवलिंग के समक्ष प्रज्वलित करे। और महादेव का स्मरण करे। यह उपाय अत्यधिक चमत्कारी हैं।
2- दूसरा दीपक किसी पीपल के वृक्ष के नीचे जलाये। और भगवान विष्णु का ध्यान करें। इस उपाय का एक विशेष मह्त्व हैं, की अमावस्या पित्रों का दिन होता हैं। इस दिन पीपल का पूजन करने से वे अत्यधिक प्रसन्न होते हैं, इसके अलावा पीपल के वृक्ष में 33 करोड देवी देवताओ का भी वास होता हैं।
3- किसी चौराहे पर दीपक प्रज्वलित करे तथा पीछे मुड कर न देखें। यह उपाय रोग, ऋण व शत्रु निवारण का अमोघ उपाय हैं।
इस लेख को ध्यानपूर्वक पढ़ें और पढ़ कर इस ज्ञान को अपने तक ही ना रखें इसे अधिक से अधिक शेयर करें ताकि यह ज्ञान सब तक पहुंच सके क्योंकि ज्ञान का दान सर्वाधिक महत्वपूर्ण एवं लाभकारी है
✍आचार्य जे पी सिंह
ज्योतिष, वास्तु विशेषज्ञ एवं एस्ट्रो मेडिकल स्पेशलिस्ट www.astrojp.com,
www.astrojpsingh.com
Mob .9811558158
How is the sum of being rich made in the horoscope?
In the horoscope of a person whose Jupiter is in Swarashi i.e. Sagittarius or Pisces or is present in the center of his exalted sign, then Divya Yoga is formed. Usually this yoga is formed in the horoscope of Aries, Libra, Capricorn and Cancer. People in whose horoscope these yogas are formed, they have good character and great thoughts. The life of such people is happy.
Shash Yoga is formed if Saturn is in the first, fourth, seventh or tenth house in the horoscope or in the sign Capricorn or Aquarius. This is a type of Raja Yoga. Along with this, even if Saturn is sitting in Libra, this yoga gives auspicious results. By looking at the auspicious or inauspicious position of the planets, a person's problems, wealth, fame, etc. are told. In the horoscope of a person whose Jupiter is in Swarashi i.e. Sagittarius or Pisces or is present in the center of his exalted sign, then Divya Yoga is formed. Usually this yoga is formed in the horoscope of Aries, Libra, Capricorn and Cancer. People in whose horoscope these yogas are formed, they have good character and great thoughts. The life of such people is happy.
You must often see around you that a person suddenly becomes rich. All the things of luxury, comfort and convenience are available to him in a few days. There is a sudden change in the life style of the person because the fortune of the person changes, he suddenly starts getting money. The person starts being successful in the work he does and the obstacles end.
Such sudden auspicious changes in a person's life become possible due to the combination of auspicious planets present in his horoscope. Let's know what are such yogas in the horoscope, due to which a person suddenly becomes rich.
Actually, this kind of sudden auspicious change in a person's life becomes possible due to the combination of auspicious planets present in his horoscope. Due to the combination of planets in the horoscope, a person suddenly starts getting wealth and comfort. According to Vedic astrology, a person becomes rich suddenly when the lords of planets and houses form certain yogas in his horoscope. Let us know what are the yogas in the horoscope, by which a person suddenly becomes rich and he starts getting all kinds of comforts and luxuries in life.
wealth yoga in horoscope
According to the horoscope analysis, the second house of the horoscope is called the house of wealth and the eleventh is called the house of profit. Ancestral property is considered from the second house of the horoscope, while the native earns money from himself through the eleventh house.
According to Vedic astrology, employment is considered from the sixth position of the horoscope and partnership in business from the seventh position. Both these houses are very important for a person to become rich.
The fourth house in the horoscope is considered for land-property and wealth. When auspicious planets sit in this house, a person suddenly gets wealth.
When the lord of the second house in a person's horoscope sits in a benefic place or when the lord of the benefic house sits in the house of wealth, then the person becomes wealthy.
A person gets money suddenly or becomes rich when the lords of the second and eleventh house sit in a triangle and look at each other.
When the lord of the 6th house is present in the horoscope of a person with the lord of the Ekadashi house at the same place, then such a person first does a job and then with time becomes a big businessman.
If planets like Shani, Mars and Rahu are sitting strongly in the place of wealth in the horoscope, then the person becomes rich and gets a very high position in life by his hard work.
When the lord of the second and fourth house is sitting in the ninth and tenth house in the horoscope of a person, then the person can get ancestral property with the help of his mother.
When the lord of the second house becomes strong in the same place with the lord of the eighth house, then the native is blessed by God. Such people may get sudden and secret money.
When Sun, Jupiter and Mercury are exalted in a person's horoscope and sit in a benefic house, then the person becomes a big businessman and earns wealth.
The position of nine planets in the 12 houses of the horoscope decides the financial future of a person. Planetary alliance, position brings happiness and sorrow in life.
If Sun and Mercury are situated in the second house in the horoscope, then such a person is not able to save money even after a lot of efforts. If the Moon is situated in the second house of the horoscope, it is affected by the malefic effects of Mercury, then there is a possibility of destruction of its wealth. If he gets money from ancestors, then that too does not remain with him. If the moon is alone in the horoscope, if no planet is present in its twelfth house, then it is also a sum of money crisis. Such a person suffers due to lack of money. If the Moon is situated in the second house, then such a person gets abundant wealth. He does not have to suffer much to earn money. He easily collects the means of comforts. If there are auspicious planets in the second house, then such a person becomes rich. He gets the benefit of hard work and financial obstacles definitely go away. The second house of the horoscope is the symbol of wealth. In this, the position of the planets gives information about the economic condition of the person. If Moon aspects Mercury in the second house, then it is painful for the native. There is often lack of money in the life of such a person.
Some of these are also wealth yoga
1. Chand Mangal Yoga- This yoga is also known as Lakshmi Yoga. This yoga is formed by the union or center position of Moon and Mars. This is a very strong yoga and is fruitful in every situation, even if there is a decrease in the degrees of fruit due to the lagna and house position. If Moon-Mars yoga is formed in the first house, second, fifth, ninth and eleventh house, then the person becomes very rich.
2. Mahalakshmi Yoga – This yoga is fruitful according to its name. The success of this yoga is known only because of the reasons for the formation of this yoga. The second house in the horoscope is called the house of wealth. And the eleventh house is the house of profit, when the owners of these two houses have any kind of relationship with each other, then this yoga is formed. This yoga is the most fruitful among all other yogas.
3- Millionaire Yoga- The person born in this yoga becomes a millionaire. If Saturn is in the center and Jupiter and Venus are strong with each other in the center or triangle, and the lord of the ascendant is strong, then this yoga is formed. Such a person has stable Lakshmi.
How is Mahabhagya Yoga formed?
This yoga is formed in different forms in the horoscope of men and women. Four conditions are considered important for the formation of this yoga. A man should be born in the day and a woman should be born in the night. A man should be born in an odd ascendant and a woman should be born in an even sign. Sun should be in odd sign in men's magazine. Be in even zodiac in woman's magazine. Men's moon should be in odd zodiac. When a woman is born in an even zodiac.
The person born in these conditions undoubtedly leads a life like a king.
On the day of Diwali, bring three four-faced lamps and take them to three different places at night –
1- Light the first lamp in front of Shivling in a temple. And remember Mahadev. These remedies are very miraculous.
2- Light the second lamp under a Peepal tree. And meditate on Lord Vishnu. There is a special importance of this remedy, that Amavasya is the day of ancestors. They are very happy by worshiping Peepal on this day, apart from this, 33 crore deities also reside in the Peepal tree.
3- Light a lamp at a crossroads and don't look back. This remedy is an infallible remedy for disease, debt and enemy prevention.
Read this article carefully and do not keep this knowledge to yourself after reading, share it as much as possible so that this knowledge can reach everyone because the donation of knowledge is most important and beneficial.
✍ Acharya JP Singh
Astrology, Vastu Specialist & Astro Medical Specialist www.astrojp.com,
www.astrojpsingh.com
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