To win in life Contribution of planets.
जीवन में विजय प्राप्ति के लिए
ग्रहों का योगदान !
जिन्दगी की दौड़ में प्रतियोगिता और विवाद चलता रहता है। महत्वपूर्ण यह है कि जीत किसकी होती है। कहा भी जाता है जो जीता वही सिकन्दर। जीतने वाले की ही सदा ज य- जयकार होती है। अगर आप किसी प्रतियोगिता अथवा विवाद में उलझ गए हैं, तो प्रश्न कुण्डली से परिणाम का अंदाजा स्वयं लगा सकते हैं।
प्रतियोगिता से संबंध रखने वाले महत्वपूर्ण भाव :
प्रतियोगिता अथवा वाद-विवाद की जब बात करते हैं तब प्रथम भाव यानी लग्न प्रश्नकर्ता होता है। छठे भाव से छुपे हुए शत्रुओं का आकलन किया जाता है। सप्तम भाव से विपक्षी और प्रत्यक्ष शत्रु का विचार किया जाता है। दशम भाव से न्यायपालिका या न्यायकर्ता को जाना जाता है। चतुर्थ भाव निर्णय का भाव है जिससे व्यक्ति को मिलने वाले फल को देखा जाता है। वाद-विवाद के प्रश्नों में पाप ग्रह लग्न में प्रश्नकर्ता को अत्यधिक बल और उत्साह देता है, जिसे विजय प्राप्ति के लिए आवश्यक माना जाता है।
प्रश्न कुण्डली के नियम के अनुसार देखें तो लग्न में पाप ग्रह के होने से प्रश्नकर्ता की जीत होती है जबकि सप्तम भाव में पाप ग्रह होने पर विपक्षी की जीत का संकेत माना जाता है। गौरतलब बात है कि लग्न और सप्तम दोनो में ही पाप ग्रह हो तब दोनों में से जो बलवान होता है वह जीतता है। अगर दोनों समान रूप से बली हो तो फैसला दोनों के पक्ष में बराबर होता है। इस स्थिति का उदाहरण खेलों में देखने को मिलता है।
वाद-विवाद एवं प्रतियोगिता में किसकी होगी जीत :
ज्योतिषशास्त्र के नियमानुसार लग्नेश अथवा सप्तमेश में से जो बलवान होता है वह विजयी होता है। जो ग्रह वक्री या कमजोर होता है वह पराजित होता है।
लग्नेश और सप्तमेश के बीच कोई ग्रह सूर्य के साथ संबंध बनाए वह विजयी होता है। यदि प्रश्न लग्न में क्रूर ग्रह हो तो प्रश्नकर्ता की मुकदमे में जीत होती है। यदि द्वितीय भाव एवं नवम भाव में शुभ ग्रह हो तो वादी की और पाप ग्रह हो तो प्रतिवादी की जीत होती है। लग्न से नवम भाव में दो शुभ ग्रह हो तो प्रश्नकर्ता की जीत होती है जबकि शनि तथा मंगल हो तो मुकदमे में हार होती है।
समझौता होगा या विवाद लम्बा चलेगा :
जब लग्नेश और सप्तमेश में संबंध हो और चन्द्र भी इस योग में शामिल हो तो वादी और प्रतिवादी के बीच समझौता होने की प्रबल संभावना बनती है। कुण्डली के पंचम भाव में लग्नेश बैठा हो और केन्द्र स्थान में शुभ ग्रह विराजमान हो तो इस बात का संकेत प्राप्त होता है कि संबंधित विवाद में दोनों पक्षों के बीच सुलह हो सकती है। विवाद में समझौते की संभावना उस स्थिति में भी बनती है जब सप्तमेश प्रतिवादी हो और छठे भाव का स्वामी उसका मित्र हो।
प्रश्न कुण्डली से वकील का विचार :
प्रश्न कुण्डली में बुध को वकील माना जाता है। प्रश्नकर्ता या प्रतिवादी के वकील की योग्यता जानने के लिए लग्न लग्नेश या सप्तम सप्तमेश से बुध की तुलना की जाती है। बुध का प्रतिवादी के छठे भाव में जाना वकील का प्रतिवादी से मिले होने का संकेत होता है।
निर्णय किसके पक्ष मे होगा :
कानूनी लड़ाई में प्रश्नकर्ता विवाद के परिणाम का पूर्व ज्ञान भी प्राप्त कर सकता है। अगर प्रश्न कुण्डली के दशम भाव में मंगल के साथ शुक्र या गुरू युति बनाकर बैठा हो तो निर्णय निष्पक्ष होगा। दशम में बुध का होना संकेत देता है कि निर्णय में पक्षपात की संभावना है। इस भाव सूर्य कठोर निर्णय का संकेत देता है। मंगल या शनि दशम में अकेला हो तो मामला जिस कोर्ट में चल रहा है उससे आगे के कोर्ट में जाएगा ऐसा माना जाता है।
वास्तु के ये 10 उपाय हमेशा लाते हैं व्यक्ति के जीवन में खुशहाली और तरक्की
वास्तु में ऐसे ही दोषों को दूर करने के लिए और जीवन में खुशहाली तरक्की पाने के लिए कुछ उपाय बताए जाते हैं जिन्हें अपनाकर जीवन में खुशहाली और तरक्की को प्राप्त किया जा सकता है.
नए साल से जुड़े वास्तु नियम
हर कोई व्यक्ति अपने जीवन में ज्याद से ज्यादा धन-दौलत कमाना चाहता है ताकि उनका जीवन सुख-सुविधाओं और ऐशोआराम से बीत सके. इसी सपने को पूरा करने के लिए व्यक्ति दिन-रात कड़ी मेहनत करता है. लेकिन कई बार उसे लक्ष्य को हासिल करने के लिए नकामयाबी मिलती है. व्यक्ति बिना वजह के मानसिक रूप से परेशान रहता है और बेवजह धन खर्च होता है. वास्तु के अनुसार व्यक्ति के घर में वास्तु दोष के होने पर उसके जीवन में निराशा और असफलताएं मिलती है.
वास्तु में ऐसे ही दोषों को दूर करने के लिए और जीवन में खुशहाली तरक्की पाने के लिए कुछ उपाय बताए जाते हैं जिन्हें अपनाकर जीवन में खुशहाली और तरक्की को प्राप्त किया जा सकता है.
घर में लगाएं तुलसी का पौधा
धार्मिक और वास्तु शास्त्र के नजरिए से तुलसी का पौधा बहुत ही पूजनीय और सकारात्मक प्रभाव वाला पौधा माना जाता है. तुलसी के पौधे में कई तरह के औषधीय गुण भी मौजूद होते हैं. वास्तु के अनुसार जिन घरों में तुलसी का पौधा उत्तर दिशा में होता वहां पर हमेशा खुशहाली, तरक्की और सकारात्मकता बनी रहती है.
इस दिशा में बनाएं पूजा घर
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर का ईशान कोण सबसे ज्यादा पवित्र और सकारात्मक फल देने वाला हिस्सा होता है. इस कोण में देवी-देवताओं का वास होता है इस कारण से जीवन में तरक्की और सफलता पाने के लिए हमेशा इस स्थान को हल्का और साफ-सुथरा रखना चाहिए. इस स्थान पर पूजा स्थल बनना काफी शुभ होता है.
बेवजह पानी न गिराएं
वास्तु शास्त्र में बेवजह पानी का टपकना धन हानि की तरफ संकेत करता है. वास्तु के अनुसार नल या टंकियों से पानी का टपकना शुभ नहीं माना जाता है. जिन घरों में नल का पानी टपकता है वहीं पर सुख-समृद्धि ज्यादा देर तक नहीं रहती है. घर में सुख-समृद्धि और शांति के लिए इस दोष को फौरन ही दूर करनी चाहिए.
ज्योतिष शास्त्र में कई ग्रह शुभ फल प्रदान करते हैं उनमें से बृहस्पति ग्रह को सुख-समृद्धि और सपन्नता का कारक ग्रह होता है. जीवन में गुरु ग्रह को मजबूत करने के लिए पोंछे के पानी में थोड़ा नमक और हल्दी मिलाकर पोंछा लगाएं. इस उपाय से जीवन में हमेशा तरक्की मिलने की संभावना बढ़ जाती है.
इन पौधो को घर में न लगाएं
वास्तु में घर के उत्तर-पूर्व और पूर्व दिशा में बैठकर खाना खाने को शुभ और फलदायी बताया गया है. ऐसे करने से जीवन में समृद्धि और वैभव मिलता रहता है. घर खुशियों और धन दौलत से भरा रहे तो इसके लिए अपने बगीचे में कभी भी कांटेदार या दूध निकलने वाले पौधे को नहीं लगना चाहिए. घर में कांटेदार पौधे लगाने से नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा मिलता है.
घर की रखें सफाई
जिन घरों के दरवाजे और खिड़कियां हमेशा साफ रहते हैं वहां पर हमेशा मां लक्ष्मी का वास होता है. वास्तु में घर के दरवाजे की साफ-सफाई से संपन्नता आने का रास्ता सुगम होता है. घर में कहीं भी बेकार की चीजें नहीं फैली हुई होनी चाहिए. घर में इधर-उधर सामान फैले होने की वजह से सुख-समृद्धि नहीं आती है. इसलिए हमेशा घर में साफ-सफाई होनी चाहिए.
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की उत्तर दिशा को कुबेर की दिशा मानी जाती है. ऐसे में इस दिशा में ही तिजोरी या आलमारी रखें और इस बात का विशेष ध्यान दे कि तिजारी का दरवाज उत्तर दिशा में ही खुलें. वास्तु में कुछ पौधों को घर पर लगाने से सुख-समृद्धि और धन दौलत में वृद्धि होती है. मनी,प्लांट और क्रासुला का पौधा लगाने से घर में धन की वृद्धि होती है.
इस लेख को ध्यानपूर्वक पढ़ें और पढ़ कर इस ज्ञान को अपने तक ही ना रखें इसे अधिक से अधिक शेयर करें ताकि यह ज्ञान सब तक पहुंच सके क्योंकि ज्ञान का दान सर्वाधिक महत्वपूर्ण एवं लाभकारी है
✍आचार्य जे पी सिंह
ज्योतिष, वास्तु विशेषज्ञ एवं एस्ट्रो मेडिकल स्पेशलिस्ट
www.astrojp.com,
www.astrojpsingh.com
Mob .9811558158
To win in life Contribution
of planets.
Competition and controversy go on in the race of life. What matters is who wins. It is also said that the one who wins is Alexander. There is always praise for the one who wins. If you are involved in any competition or dispute, then you can guess the result from the Prashna Kundli.
Important expressions related to competition:
When we talk about competition or debate, the first house i.e. Ascendant is the questioner. Hidden enemies are assessed from the sixth house. Opponent and direct enemy is considered from the seventh house. The judiciary or the judge is known from the tenth house. The fourth house is the house of decision from which the result that a person gets is seen. In the questions of debate, the malefic planet in the Ascendant gives excessive strength and enthusiasm to the questioner, which is considered necessary for victory.
According to the rule of Prashna Kundali, if there is a malefic planet in the lagna, the questioner wins, while the presence of a malefic planet in the seventh house is considered a sign of the opponent's victory. Significantly, if there are malefic planets in both the ascendant and the seventh house, then the one who is stronger out of the two wins. If both are equally strong, then the verdict is equal in favor of both. An example of this situation is seen in sports.
Who will win in debate and competition:
According to the rules of astrology, the one who is strong in the lord of the ascendant or the lord of the seventh house, becomes victorious. The planet which is retrograde or weak is defeated.
Any planet between Lagnesh and Saptamesh makes relation with Sun, he becomes victorious. If there is a malefic planet in the Ascendant of the question, then the questioner wins the case. If there is a benefic planet in the second house and ninth house, then the plaintiff wins and if there is a malefic planet, then the defendant wins. If there are two auspicious planets in the ninth house from the ascendant, then the questioner wins, whereas if there is Saturn and Mars, then there is defeat in the case.
There will be a settlement or the dispute will go on for a long time:
When there is a relation between Lagnesh and Saptamesh and Moon is also involved in this yoga, then there is a strong possibility of settlement between the plaintiff and the defendant. If the Lord of the ascendant is sitting in the fifth house of the Kundli and if a benefic planet is sitting in the center, then there is an indication that there can be a settlement between the two parties in the related dispute. There is a possibility of settlement in a dispute even if the lord of the seventh house is the respondent and the lord of the sixth house is his friend.
Lawyer's thoughts from Prashna Kundli:
In Prashna Kundli, Mercury is considered as a lawyer. Mercury is compared with Lagna Lagnesh or Saptam Saptamesh to know the qualification of the lawyer of the questioner or defendant. Mercury moving to the sixth house of the defendant is an indication of the lawyer meeting the defendant.
In whose favor the decision will be:
In a legal battle the questioner can also obtain prior knowledge of the outcome of the dispute. If Venus or Jupiter is conjunct with Mars in the tenth house of Prashna Kundali, then the decision will be fair. The presence of Mercury in the tenth indicates that there is a possibility of partiality in the decision. In this house, the Sun indicates a harsh decision. If Mars or Shani is alone in the tenth house, then it is believed that the case will go to the court next to the court in which it is going on.
These 10 measures of Vastu always bring prosperity and progress in a person's life.
In Vastu, some measures are given to remove such defects and to get happiness and progress in life, by adopting which happiness and progress can be achieved in life.
Vastu rules related to new year
Every person wants to earn maximum wealth in his life so that his life can be spent in comfort and luxury. To fulfill this dream, a person works hard day and night. But many times he gets failure to achieve the goal. The person remains mentally disturbed without any reason and money is spent unnecessarily. According to Vastu, there are disappointments and failures in a person's life if there is Vastu defect in his house.
In Vastu, some measures are given to remove such defects and to get happiness and progress in life, by adopting which happiness and progress can be achieved in life.
Plant basil plant at home
From the point of view of religious and Vastu Shastra, Tulsi plant is considered to be very worshipable and has a positive effect. Many types of medicinal properties are also present in the Tulsi plant. According to Vastu, there is always prosperity, progress and positivity in the houses where Tulsi plant is in the north direction.
Build a worship house in this direction
According to Vastu Shastra, the northeast corner of the house is the most sacred and positive fruitful part. Gods and Goddesses reside in this angle, for this reason, to get progress and success in life, this place should always be kept light and clean. It is very auspicious to have a place of worship at this place.
don't spill water unnecessarily
In Vastu Shastra, dripping water without any reason indicates loss of money. According to Vastu, dripping water from taps or tanks is not considered auspicious. In the houses where tap water drips, happiness and prosperity do not last long. For happiness, prosperity and peace in the house, this defect should be removed immediately.
In astrology, many planets give auspicious results, among them Jupiter is the factor of happiness, prosperity and wealth. To strengthen the planet Jupiter in life, mix some salt and turmeric in the water of the wipe and wipe it. With this remedy, the chances of always getting progress in life increases.
do not keep these plants in the house
In Vastu, eating food while sitting in the north-east and east direction of the house has been said to be auspicious and fruitful. By doing this one gets prosperity and wealth in life. For the house to be filled with happiness and wealth, never plant a thorny or milk-yielding plant in your garden. Negative energy is encouraged by planting thorny plants in the house.
keep the house clean
Mother Lakshmi always resides in the houses whose doors and windows are always clean. In Vastu, cleanliness of the door of the house makes the path of prosperity easy. There should be no useless things scattered anywhere in the house. There is no happiness and prosperity in the house because of the things being spread here and there. That's why there should always be cleanliness in the house.
According to Vastu Shastra, the north direction of the house is considered as the direction of Kuber. In this case, keep a safe or almirah in this direction only and pay special attention to the fact that the door of the safe should open in the north direction only. According to Vastu, planting some plants at home increases happiness, prosperity and wealth. Planting money plant and crassula plant increases wealth in the house.
Read this article carefully and do not keep this knowledge to yourself after reading, share it as much as possible so that this knowledge can reach everyone because the donation of knowledge is most important and beneficial.
✍ Acharya JP Singh
Astrology, Vastu Specialist & Astro Medical Specialist
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