Is Mars a blood factor?


क्या मंगल रक्त कारक है ?

मंगल रक्त का प्रतिनिधित्व करता है परन्तु जिनका मंगल कमजोर होता है रक्त की बीमारियों के अतिरिक्त जोश की कमी होगी। ऐसे व्यक्ति हर काम को धीरे धीरे करेंगे। वह जातक सुस्त दिखाई देगा और किसी भी काम को सही ऊर्जा से नहीं कर पाता। खराब मंगल से चोट चपेट और दुर्घटना आदि का भय बना रहता है।

प्यास, नेत्र विकार, मिरगी, अस्थि टूटना, गर्भाशय के रोग, प्रसव तथा गर्भपात, सिर में चोट, लड़ाई में चोट आदि का करक बनता हैं..

मेष राशि का स्वामी मंगल है। यह सिर या मस्तिष्क की कारक है और इसके कारक ग्रह मंगल और गुरू हैं। मकर राशि में 28 अंश पर मंगल उच्चा के होते हैं तथा कर्क राशि में नीच के होते हैं। मंगल वीर, योद्धा, खूनी स्वभाव और लाल रंग के हैं। अग्नि तत्व व पुरूष प्रधान तथा क्षत्रिय गुणों से युक्त है। यह राशि मस्तिष्क, मेरूदण्ड तथा शरीर की आंतरिक तंत्रिकाओं पर विपरीत प्रभाव डालती है। लग्न में यह राशि स्थित हो तथा मंगल नीच के हो या बुरे ग्रहों की इस पर दृष्टि हो तो ऎसा जातक उच्चा रक्तचाप का रोगी होगा। आजीवन छोटी-मोटी चोटों का सामना करता रहेगा। सीने में दर्द की शिकायत रहती है और ऎसे जातक के मन में हमेशा इस बात की शंका रहती है कि मुझे कोई जहरीला जानवर ना काट ले। परिणाम यह होता है कि ऎसे जातक का आत्म विश्वास कमजोर हो जाता है और उसकी शारीरिक शक्ति क्षीण हो जाती है जो अनावश्यक रूप से विविध प्रकार की मानसिक बीमारियों का कारण होती है।
जो जातक मंगल ग्रह से पीडित होते हैं उन्हें अनंतमूल की जड़ लाल वस्त्र में बांध कर किसी भी दिन लाभ के चौघडिए में गले में धारण करनी चाहिए।

जानिए हस्तरेखा द्वारा मंगल दोष—

हस्तरेखाओं के माध्यम से भी पेटजनित रोग और पेट की शिकायतों के बारे में जाना जा सकता है। हथेली पर हृदय रेखा, मस्तिष्क रेखा और नाखूनों के अध्ययन के साथ ही मंगल और राहू किस स्थिति में हैं, यह देखना बहुत जरूरी है।

यदि किसी जातक की हस्तरेखा में मंगल अच्छा न हो तो मंगल अच्छा नहीं होता है, उनमें क्रोध और आवेश की अधिकता रहती है। ऐसे व्यक्ति छोटी-छोटी बातों पर भी उबल पड़ते हैं। अन्य व्यक्तियों द्वारा समझाने का प्रयास भी ऐसे व्यक्तियों के क्रोध के आगे बेकार हो जाता है। क्रोध और आवेश के कारण ऐसे लोगों का खून एकदम गर्म हो जाता है। लहू की गति (रक्तचाप) के अनुसार क्रोध का प्रभाव भी घटता-बढ़ता रहता है। राहू के कारण जातक अपने आर्थिक वादे पूर्ण नहीं कर पाता है। इस कारण भी वह तनाव और मानसिक संत्रास का शिकार हो जाता है।हथेली पर हृदय रेखा टूट रही हो या फिर चेननुमा हो, नाखूनों पर खड़ी रेखाएँ बन गई हों तो ऐसे व्यक्ति को हृदय संबंधी शिकायतें, रक्त शोधन में अथवा रक्त संचार में व्यवधान पैदा होता है।

सावधानियां—मंगल अच्छा न हो तो मिर्च-मसाले वाली खुराक नहीं लेनी चाहिए। तली हुई चीजें जैसे सेंव, चिवड़ा, पापड़, भजिए, पराठे इत्यादि से भी परहेज रखना चाहिए। ऐसे जातक को चाहिए कि वह सुबह-शाम दूध पीएँ, देर रात्रि तक जागरण न करें और सुबह-शाम के भोजन का समय निर्धारित कर ले। सुबह-शाम केले का सेवन भी लाभप्रद होता है।

जानिए वास्तु में मंगल का प्रभाव—

वास्तु सिद्धांतों के अनुसार दक्षिण दिशा का प्रतिनिधि ग्रह मंगल है, जो कि कालपुरूष के बायें सीने, फेफडे और गुर्दे का प्रतिनिधित्व करता है. जन्मकुंडली का दशम भाव इस दिशा का कारक स्थान होता है.

–यदि किसी घर की दक्षिण दिशा में कुआँ, दरार, कचरा, कूडादान, कोई पुराना सामान इत्यादि हो, तो गृहस्वामी को ह्रदय रोग, जोडों का दर्द, खून की कमी, पीलिया, आँखों की बीमारी, कोलेस्ट्राल बढ जाना अथवा हाजमे की खराबीजन्य विभिन्न प्रकार के रोगों का सामना करना पडता है.

–यदि दक्षिण दिशा में उत्तरी दिशा से कम ऊँचा चबूतरा बनाया गया हो, तो परिवार की स्त्रियों को घबराहट, बेचैनी, ब्लडप्रैशर, मूर्च्छाजन्य रोगों से पीडा का कष्ट भोगना पडता है.

—-यदि दक्षिणी भाग नीचा हो, ओर उत्तर से अधिक रिक्त स्थान हो, तो परिवार के वृद्धजन सदैव अस्वस्थ रहेंगें. उन्हे उच्चरक्तचाप, पाचनक्रिया की गडबडी, खून की कमी, अचानक मृत्यु अथवा दुर्घटना का शिकार होना पडेगा. दक्षिण पिशाच का निवास है, इसलिए इस तरफ थोडी जगह खाली छोडकर ही भवन का निर्माण करवाना चाहिए.

—यदि किसी का घर दक्षिणमुखी हो ओर प्रवेश द्वार नैऋत्याभिमुख बनवा लिया जाए, तो ऎसा भवन दीर्घ व्याधियाँ एवं किसी पारिवारिक सदस्य को अकाल मृत्यु देने वाला होता है.

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✍आचार्य जे पी सिंह
ज्योतिष, वास्तु विशेषज्ञ एवं एस्ट्रो मेडिकल स्पेशलिस्ट       
www.astrojp.com,
www.astrojpsingh.com
Mob .9811558158

Is Mars a blood factor?

Mars represents blood, but those whose Mars is weak will lack enthusiasm in addition to blood diseases.  Such a person will do everything slowly.  The person will look lethargic and cannot do any work with the right energy.  Due to bad Mars, the fear of injury and accident etc. remains.

It causes thirst, eye disorders, epilepsy, bone fracture, diseases of the uterus, childbirth and abortion, head injury, battle injury, etc.

The lord of Aries is Mars.  It is the factor of head or brain and its factors are Mars and Jupiter.  Mars is exalted at 28 degrees in Capricorn and debilitated in Cancer.  Mangal is heroic, warrior, bloody nature and red in color.  Fire element and male dominated and is full of Kshatriya qualities.  This amount has adverse effects on the brain, spinal cord and internal nerves of the body.  If this sign is located in the ascendant and Mars is debilitated or aspected by bad planets, then such a person will be a patient of high blood pressure.  Will continue to face minor injuries for life.  There is a complaint of chest pain and there is always a doubt in the mind of such a person that some poisonous animal may bite him.  The result is that the self-confidence of such a person becomes weak and his physical strength becomes weak, which is unnecessarily the cause of various types of mental diseases.
Those people who are afflicted by Mars, they should tie the root of Anantmool in a red cloth and wear it around the neck on any day in the quarter of profit.

Know Mangal Dosh by Palmistry-

Pathogenic diseases and stomach complaints can also be known through palmistry.  Along with the study of heart line, head line and nails on the palm, it is very important to see the position of Mars and Rahu.

If Mars is not good in the palm line of a person, then Mars is not good, there is excess of anger and passion in them.  Such people get angry even on small things.  Even the efforts of other people to explain become useless in front of the anger of such people.  Due to anger and passion, the blood of such people becomes very hot.  According to the speed of the blood (blood pressure), the effect of anger also keeps increasing and decreasing.  Due to Rahu, the native is unable to fulfill his financial promises.  Because of this also he becomes a victim of stress and mental panic. If the heart line on the palm is broken or chain-shaped, vertical lines have formed on the nails, then such a person may have heart-related complaints, problems in blood purification or blood circulation.  it happens.

Precautions- If Mars is not good then chili-spice supplements should not be taken.  Fried things like sev, chivda, papad, bhajiya, paratha etc. should also be avoided.  Such a person should drink milk in the morning and evening, do not stay awake till late at night and fix the time for morning and evening meals.  Consuming banana in the morning and evening is also beneficial.

Know the effect of Mars in Vastu-

According to Vastu principles, the representative planet of South direction is Mars, which represents the left chest, lungs and kidney of Kalpurush.  The tenth house of the horoscope is the factor of this direction.

– If there is a well, crack, garbage, dustbin, any old item etc. in the south direction of a house, then the owner of the house may suffer from heart disease, joint pain, anemia, jaundice, eye disease, increase in cholesterol or various digestive disorders.  You have to face different types of diseases.

If a platform is built in the south direction which is less high than in the north direction, then the women of the family have to suffer from nervousness, restlessness, blood pressure, fainting diseases.

—If the southern part is low, and there is more empty space than the north, then the elders of the family will always be unwell.  They will have to suffer from high blood pressure, disturbances in digestion, lack of blood, sudden death or accident.  South is the abode of vampires, so the building should be constructed leaving some space on this side empty.

- If someone's house is south-facing and the entrance is made southwest-facing, then such a building is going to give long diseases and premature death to any family member.

Read this article carefully and do not keep this knowledge to yourself after reading, share it as much as possible so that this knowledge can reach everyone because the donation of knowledge is most important and beneficial.

✍ Acharya JP Singh
Astrology, Vastu Specialist & Astro Medical Specialist
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Mob.9811558158

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