Vaastu defect of the house is one of the causes of cancer.
कैंसर का एक कारण घर का वास्तुदोष
जगह की कमी, फिर जरूरत और डिजाइन के हिसाब से किसी जगह को ऊंचा और किसी जगह को नीचा बना दिया जाता है। इस कारण घर में नकारात्मक और सकारात्मक ऊर्जा का असंतुलन बन जाता है और कैंसर जैसी बीमारी का जन्म होने के कारण क्रिएट हो जाते हैं।
वर्तमान समय में कैंसर का रोग एक भयावह बीमारी का रूप ले चुका है। हालांकि ऐसा नहीं है कि कैंसर एक लाइलाज रोग है लेकिन यदि प्रारंभिक अवस्था में अगर इसका पता चल जाए तो इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है। ज्योतिषविद्या के मुताबिक शरीर के स्वास्थ्य का संबंध हमारी कुंडली से भी होता है। इसके मुताबिक व्यक्ति की एस्ट्रो मेडिकल से शरीर की बीमारी से जुड़ी जानकारी बता सकती है। इसके अलावा घर में यदि वास्तुदोष हो तो भी कैंसर जैसी घातक बीमारी होने की आशंका काफी हद तक होती है।
वर्तमान में बन रहे घरों की बनावट पुराने जमाने की तरह आयताकार न होकर अनियमित आकार की हो रही है, जिसमें घर का कोई कोना दबा दिया जाता है या कोई कोना बाहर निकाल दिया जाता है। घर का कोई भाग ऊंचा तो कोई नीचा बनाया जाता है। ऐसी अनियमित बनावट के कारण घर में सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा के बीच असंतुलन पैदा हो जाता है। इसी कारण दुनिया में हर प्रकार के रोग बढ़ते जा रहे हैं क्योंकि वास्तु का रोगों से अभिन्न सम्बन्ध है। घरों के वास्तुनुकूल निर्माण न होने के कारण ही कैंसर ने महामारी का रुप ले लिया है।
जिन घरों में किसी भी प्रकार के कैंसर के मरीज हैं, उनके घर में दो या दो से अधिक वास्तुदोष अवश्य होते हैं, जिसमें से एक वास्तुदोष ईशान कोण वाले भाग में अवश्य होता है जैसे घर का ईशान कोण गोल होना, कटा हुआ होना, दबा हुआ होना या जरुरत से ज्यादा ईशान कोण का बढ़ा हुआ होना या घर की अन्य दिशाओं की तुलना में ईषान कोण का ऊंचा होना इत्यादि जबकि ईशान कोण 90 डिग्री में होना चाहिए और इस भाग का फर्श घर के बाकी फर्श के समान समतल या उससे नीचा होना चाहिए। शरीर के किस भाग में कैंसर है या हो सकता है, यह निर्भर करता है घर के दूसरे वास्तुदोष पर जो कि, घर की दक्षिण, पश्चिम दिशा या आग्नेय, वायव्य और नैऋत्य कोण में ही कहीं होता है, जो इस प्रकार है -
ब्रेन कैंसर :- वायव्य, उत्तर, ईशान व पूर्व दिशा का ऊंचा होना एवं आग्नेय, दक्षिण, नैऋत्य, पश्चिम में भूमिगत पानी का स्रोत होना या नीचा होना या बढ़ा हुआ होना।
ब्लड कैंसर :- नैऋत्य में भूमिगत पानी का स्रोत होना, नैऋत्य बहुत नीचा होना या बढ़ा हुआ होना, साथ ही अन्य दिशाएं ईशान कोण की तुलना में नीची होना।
ब्रेस्ट कैंसर :- पूर्व आग्नेय में भूमिगत पानी का स्रोत जैसे टंकी, बोर, कुंआ इत्यादि का होना या नीचा होना व अन्य दिशाओं की तुलना में ईशान कोण ऊंचा होने पर होता है।
यूट्रस कैंसर :- दक्षिण या दक्षिण नैऋत्य में भूमिगत पानी का स्रोत होना या किसी भी प्रकार से नीचा या बढ़ा हुआ होने पर होता है।
पेट का कैंसर :- पश्चिम और पश्चिम नैऋत्य में भूमिगत पानी का स्रोत होना, यही भाग किसी भी प्रकार ईशान कोण की तुलना में नीचा या बढ़ा हुआ होने पर होता है।
किडनी का कैंसर :- पश्चिम और नैऋत्य कोण में पानी का स्रोत होना या किसी भी प्रकार से नीचा या बढ़ा हुआ होना।
छाती एवं फेफड़े का कैंसर :- उत्तर एवं उत्तर वायव्य का बन्द होना, पश्चिम और पश्चिम नैऋत्य में भूमिगत पानी का स्रोत होना या किसी भी प्रकार से नीचा या बढ़ा हुआ होना।
सिर, गले व मुंह का कैंसर :- आवश्यकता से अधिक ऊंचा और बढ़ा हुआ ईशान कोण होना एवं पश्चिम दिषा का किसी भी प्रकार से अधिक नीचा होना।
आंत का कैंसर :- पश्चिम नैऋत्य में भूमिगत पानी का स्रोत होना या किसी भी प्रकार से नीचा या बढ़ा हुआ होने पर होता है।
यदि घर में कोई पहले से ही कैंसर का मरीज हो तो मेरी यह सलाह है कि, मरीज का योग्य डॉक्टर से उचित इलाज करवाते रहें। इलाज में किसी प्रकार की लापरवाही न बरतें परन्तु साथ ही किसी योग्य वास्तु कन्सलटेन्ट को बुलाकर अपने घर को अवश्य दिखलायें ताकि घर में जो वास्तुदोष हैं उन्हें दूर कर दोषों से उत्पन्न होने वाली नकारात्मक ऊर्जा को दूर किया जा सके। वास्तुदोष दूर होने से मरीज पर दवाईयां अपना अच्छा प्रभाव देने लगती हैं, साथ ही एस्ट्रो मेडिकल के द्वारा अपनी कुंडली का अवलोकन कर आकर भी देखें कि कौन से ग्रह और युक्तियां कैंसर का कारण बन रहे हैं अतः जिन घरों में कैंसर के मरीज हैं उन्हें अपने घर के वास्तुदोषों को अवश्य दूर करवाना चाहिये ताकि मरीज अपना शेष जीवन आराम से व्यतीत कर सकें और कहीं इन्हीं वास्तुदोषों के कारण भविष्य में घर का कोई अन्य सदस्य कैंसर का शिकार न बने।
इस लेख को ध्यानपूर्वक पढ़ें और पढ़ कर इस ज्ञान को अपने तक ही ना रखें इसे अधिक से अधिक शेयर करें ताकि यह ज्ञान सब तक पहुंच सके क्योंकि ज्ञान का दान सर्वाधिक महत्वपूर्ण एवं लाभकारी है
✍आचार्य जे पी सिंह
ज्योतिष, वास्तु विशेषज्ञ एवं एस्ट्रो मेडिकल स्पेशलिस्ट
www.astrojp.com,
www.astrojpsingh.com
Mob .9811558158
Vaastu defect of the house is one of the causes of cancer.
Lack of space, then according to the need and design some place is made high and some place is made low. Due to this, there is an imbalance of negative and positive energy in the house and due to the birth of a disease like cancer, it gets created.
At present, cancer has taken the form of a dreaded disease. Although it is not that cancer is an incurable disease, but if it is detected in the early stages, then it can be controlled. According to astrology, the health of the body is also related to our horoscope. According to this, a person's astro-medical can tell the information related to the disease of the body. Apart from this, even if there is Vastu defect in the house, there is a high possibility of fatal disease like cancer.
The structure of the houses being built at present is not rectangular like the old times, instead it is of irregular shape, in which any corner of the house is suppressed or any corner is taken out. Some part of the house is made high and some low. Due to such irregular design, there is an imbalance between positive and negative energy in the house. This is the reason why all kinds of diseases are increasing in the world because Vastu has an integral relation with diseases. Cancer has taken the form of an epidemic because of non-architectural construction of houses.
The houses where there are any kind of cancer patients, there must be two or more Vastu defects in their house, out of which one Vastu defect must be in the north-east corner, such as the north-east corner of the house being round, cut, pressed. Occurrence or increase of northeast angle more than necessary or elevation of northeast angle in comparison to other directions of the house, etc. while northeast angle should be in 90 degrees and the floor of this part should be flat or lower than the rest of the floor of the house. needed. In which part of the body cancer is present or may occur, it depends on the second Vaastu Dosh of the house, which is somewhere in the south, west direction or southeast, northwest and southwest angles of the house, which are as follows -
Brain Cancer :- Elevation in North, North, Northeast and East and source of underground water in Southeast, South, Southwest, West or being low or increased.
Blood cancer :- There is a source of underground water in the southwest, the southwest is very low or elevated, as well as other directions are lower than the northeast.
Breast Cancer :- Occurs when the source of underground water like tank, bore, well etc. is present or low in the southeast and the northeast angle is high as compared to other directions.
Uterus cancer :- Occurs when there is a source of underground water in the south or south-west or it is low or elevated in any way.
Stomach cancer: - There is a source of underground water in the west and west-south-west, this part happens when it is lower or higher than the north-east angle in any way.
Kidney cancer :- Having water source in west and southwest angle or being low or high in any way.
Cancer of chest and lungs:- Closure of north and north-west, source of underground water in west and south-west or low or increased in any way.
Cancer of Head, Throat and Mouth :- Excessively high and increased northeast angle and west direction being too low in any way.
Intestinal cancer :- Occurs when there is a source of underground water in the west-southwest or if it is low or high in any way.
If there is already a cancer patient in the house, then my advice is to keep the patient under proper treatment from a qualified doctor. Do not be negligent in the treatment, but at the same time call a qualified Vastu consultant and show your house so that the negative energy arising from the defects can be removed by removing the Vastu defects in the house. With the removal of vastu defects, medicines start giving their good effect on the patient, as well as by observing your horoscope through Astro Medical, also come and see which planets and tips are causing cancer, so the houses where there are cancer patients should be kept in their homes. The Vaastu defects of the house must be removed so that the patient can spend the rest of his life comfortably and no other member of the house becomes a victim of cancer in the future due to these Vaastu defects.
Read this article carefully and do not keep this knowledge to yourself after reading, share it as much as possible so that this knowledge can reach everyone because the donation of knowledge is most important and beneficial.
✍ Acharya JP Singh
Astrology, Vastu Specialist & Astro Medical Specialist
www.astrojp.com
www.astrojpsingh.com
Mob.9811558158
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