Planets have a deep connection with relationships


रिश्तों से है ग्रहों का गहरा नाता

ग्रह नक्षत्र हमारे आपसी रिश्ते-नाते पर क्या प्रभाव डालते हैं, इस संबंध में लाल किताब में बहुत कुछ लिखा हुआ है। लाल किताब अनुसार प्रत्येक ग्रह हमारे एक रिश्तेदार से जुड़ा हुआ है अर्थात् कुंडली में जो भी ग्रह जहां भी स्थित है तो उस खाने अनुसार वह हमारे रिश्तेदार की स्थिति बताता है।

 1.सूर्य : पिता, ताऊ और पूर्वज।

2.चंद्र : माता और मौसी।

3.मंगल : भाई और मित्र।

4.बुध : बहन, बुआ, बेटी, साली और ननिहाल पक्ष।

5.गुरु : पिता, दादा, गुरु, देवता। स्त्री की कुंडली में इसे पति का प्रतिनिधित्व प्राप्त है।

6.शुक्र : पत्नी या स्त्री।

7.शनि : काका, मामा, सेवक और नौकर।

8.राहु : साला और ससुर। राहु को दादा का प्रतिनि‍धित्व प्राप्त है।

9.केतु : संतान और बच्चे। केतु को नाना का प्रतिनिधि भी माना जाता है।

ग्रहों को सुधारने के लिए रिश्तों को सुधारने की बात कही जाती है अर्थात् अपने रिश्ते प्रगाढ़ करें।

 अंतत: यह माना जा सकता है कि कुंडली का प्रत्येक भाव किसी न किसी रिश्ते का प्रतिनिधित्व करता है तथा प्रत्येक ग्रह मानवीय रिश्तों से संबंध रखता है। यदि कुंडली में कोई ग्रह कमजोर हो तो उस ग्रह से संबंधित रिश्तों को मजबूत करके भी ग्रह को  मजबूत किया जा सकता है।

दूसरी ओर ग्रहों को मजबूत करके भी किसी रिश्तों को मजबूत तो किया ही जा सकता है। साथ ही वे रिश्तेदार भी खुशहाल हो सकते हैं, 

पिता के साथ हमारे रिश्तों से सूर्य ग्रह जुड़ा है.  अगर कोई शख्स अपने पिता का सम्मान नहीं करता या पिता से दूरी बना लेता है ऐसा व्यक्ति अपने सूर्य को कमजोर करता है. इससे कई तरह की परेशानियां आपको घेर सकती हैं जैसे बीमारियां, आर्थिक संकट या तनाव. सूर्य को खुश करने के यह सारे उपाये तब तक बेकार हैं जब तक व्यक्ति के रिश्ते पिता के साथ अच्छे नहीं हो जाते.

मां के साथ रिश्ते खराब होने से चंद्रमा खराब असर डालता है. मां को अपमानित करने, अपशब्द कहने से चंद्रमा नाराज होगा जिसके कारण आपको बीमारियां लग सकती हैं, आपकी तरक्की रुक सकती और आप आर्थिक तंगी में फंस सकते हैं.

आपके रिश्ते ससुराल वालों के साथ, चाचा-चाची, ताऊ और दूसरे संबंधियों के साथ अच्छे या बुरे मंगल ग्रह की वजह से होते हैं. आपके छोटे भाई बहन के साथ भी आपके रिश्तों से मंगल ग्रह जुड़ा हुआ है.

भाई-बहन, मामा, मामी और आपके विरोधियों से आपके रिश्ते बुध ग्रह के कारण निर्धारित होते हैं. गुरु और शुक्र आपके रिश्ते जीवनसाथी और दोस्तों के साथ बेहतर बनाते हैं. शनि ग्रह के कारण पिता, सास-ससुर, बेटे-बेटियों और दोस्तों के साथ रिश्ते अच्छे बनते हैं.

राहु दादा से रिश्तों के लिए जिम्मेदार है और केतु नाना से रिश्ते के लिए. राहु का संबंध आपके दादा के साथ साथ ससुराल पक्ष के लोगों के साथ भी जुड़ा है.

यदि आपके रिश्ते सही रहते हैं, उनमें प्रेम, सम्मान का भाव बना रहता है तो आपके जीवन और रिश्तों पर ग्रहों का सकारात्मक असर पड़ेगा.  ग्रहों के सकारात्मक प्रभाव के लिए लोग कई तरह के उपाय करते हैं लेकिन दूसरे उपायों को अपनाने से बेहतर है अपने रिश्तों को सही रखना.

इस लेख को ध्यानपूर्वक पढ़ें और पढ़ कर इस ज्ञान को अपने तक ही ना रखें इसे अधिक से अधिक शेयर करें ताकि यह ज्ञान सब तक पहुंच सके क्योंकि ज्ञान का दान सर्वाधिक महत्वपूर्ण एवं लाभकारी है

✍आचार्य जे पी सिंह
ज्योतिष, वास्तु विशेषज्ञ एवं एस्ट्रो मेडिकल स्पेशलिस्ट       
www.astrojp.com,
www.astrojpsingh.com
Mob .9811558158

Planets have a deep connection with relationships

A lot has been written in Lal Kitab regarding the impact of planets and constellations on our mutual relationships.  According to Lal Kitab, each planet is associated with one of our relatives, that is, wherever the planet is located in the horoscope, it tells the condition of our relative according to that house.

1. Sun: Father, uncle and ancestor.

2. Chandra: Mother and aunt.

3. Mars: Brother and friend.

4. Mercury: Sister, aunt, daughter, sister-in-law and maternal side.

5. Guru: Father, Grandfather, Guru, God.  In the horoscope of a woman, it is represented by her husband.

6. Venus: Wife or woman.

7. Shani: Uncle, maternal uncle, servant and servant.

8. Rahu: Brother-in-law and father-in-law.  Rahu is represented by grandfather.

9. Ketu: Children and children.  Ketu is also considered to be the representative of maternal grandfather.

To improve the planets, it is said to improve relationships, that is, strengthen your relationships.

Ultimately, it can be assumed that each house in the horoscope represents some or the other relationship and each planet is related to human relationships.  If a planet is weak in the horoscope, then the planet can also be strengthened by strengthening the relationships related to that planet.

On the other hand, even by strengthening the planets, any relationship can be strengthened.  At the same time, those relatives can also be happy,

The planet Sun is associated with our relationship with our father.  If a person does not respect his father or keeps distance from his father, such a person weakens his Sun.  Due to this, many types of problems can surround you like diseases, financial crisis or stress.  All these measures to please the Sun are useless until the person's relationship with his father is not good.

Due to bad relationship with the mother, the moon gives a bad effect.  Insulting the mother, abusing the moon will make you angry, due to which you may get diseases, your progress may stop and you may get stuck in financial crisis.

Your relations with in-laws, uncles, aunts, uncles and other relatives are because of good or bad Mars.  Mars is also associated with your relationship with your younger siblings.

Your relationships with siblings, maternal uncle, maternal uncle and your opponents are determined by the planet Mercury.  Jupiter and Venus improve your relationship with your spouse and friends.  Due to Saturn, relations with father, mother-in-law, father-in-law, sons-daughters and friends become good.

Rahu is responsible for relationship with grandfather and Ketu is responsible for relationship with maternal grandfather.  Rahu's relation is related with your grandfather as well as with the people of in-laws side.

If your relationships remain correct, there is a sense of love and respect in them, then the planets will have a positive effect on your life and relationships.  People take many measures for the positive effects of planets, but it is better to keep your relationships right than adopting other measures.

Read this article carefully and do not keep this knowledge to yourself after reading, share it as much as possible so that this knowledge can reach everyone because the donation of knowledge is most important and beneficial.

✍ Acharya JP Singh
Astrology, Vastu Specialist & Astro Medical Specialist
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Mob.9811558158

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