Planets for success in politics Who becomes ?
राजनीति में सफलता के ग्रहयोग कौन बनता है ?
राजसत्ता या राजनीति से जोड़ने में सूर्य, चन्द्र, राहु और शनि मुख्य माने गए हैं। वैदिक ज्योतिष में सूर्य को राजा तो चन्द्रमा को राजमाता की उपाधि दी गई है। वहीं राहु को सभी ग्रहों में नीति कारक ग्रह का दर्जा दिया गया है।
विस्तार
एक ओर राजनीति जहां व्यक्ति को सत्ता-सुख, प्रसिद्धि, विशेष सामाजिक पहचान देती है। वहीं इसमें सेवा व जनमानस कल्याण का भाव भी निहित है। आज के समय में बड़ी मात्रा में युवा वर्ग राजनीति को करियर के रूप में देख रहा है। अन्य करियर की भांति ही राजनीति में प्रवेश करने वालों की कुंडली में भी विशेष ज्योतिष योग होते हैं।
राजनीति करना सबके बस की बात नहीं होती है। यही कारण है कि ऐसे व्यक्तियों की जन्म कुंडली में ग्रहों का विशिष्ट संयोग देखा गया है। राजसत्ता या राजनीति से जोड़ने में सूर्य, चन्द्र, राहु और शनि मुख्य माने गए हैं। वैदिक ज्योतिष में सूर्य को राजा तो चन्द्रमा को राजमाता की उपाधि दी गई है। वहीं राहु को सभी ग्रहों में नीति कारक ग्रह का दर्जा दिया गया है।
राजनीति और जन्म कुंडली के भाव
वैदिक ज्योतिष में जन्म कुंडली के दसवें घर को राजनीति का घर व सत्ता का स्थान कहा गया है। जन्म कुंडली का चतुर्थ भाव जनता के बीच जाकर चुनाव लड़ने का भाव है इसलिए चतुर्थ भाव जनता और चुनाव को दर्शाता है। जन्म कुंडली का ग्यारहवां भाव राजनीति से धन लाभ को दर्शाता है।
राजनीति क्षेत्र से संबंधित ग्रह
राहु: राहु को राजनीति का ग्रह माना जाता है। राहू कूटनीतिज्ञ तो है ही साथ ही छल कपट भी करवाता है। राहू की महादशा में कई महापुरुषों को राजनीति में उच्च पद प्राप्त करते देखा गया है। सफल राजनेताओं की जन्म कुंडली में राहू का संबंध सातवें, दसवें एवं ग्यारहवें घर से देखा गया है।
राजसत्ता या राजनीति से जोड़ने में सूर्य, चन्द्र, राहु और शनि मुख्य माने गए हैं। वैदिक ज्योतिष में सूर्य को राजा तो चन्द्रमा को राजमाता की उपाधि दी गई है। वहीं राहु को सभी ग्रहों में नीति कारक ग्रह का दर्जा दिया गया है।
सूर्य: नौ ग्रहों में सूर्य को राजा माना गया है। सूर्य साम्राज्य, वर्चस्व और तेज को दर्शाता है। यही कारण है जन्म कुंडली में सूर्य लग्न, चतुर्थ, नवम या दशम भाव में हो तो राजनीति में सफलता दिलाने की संभावना बनाता है।
शनि: जनता का हितैषी शनि राजनीति का प्रमुख कारक ग्रह माना गया है। शनि केन्द्र में, उच्च के, स्वराशि व मूल त्रिकोण में हो तो राजनीति में व्यक्ति लंबी पारी खेलता है और लंबे समय तक सरकार में रहता है।
राजनीति में प्रवेश एवं सफलता के लिए ज्योतिषीय योग होते हैं। अन्य व्यवसायों की तरह ही राजनीति में सफलता या विफलता के लिए ग्रह काफी हद तक असर डालते हैं। राजनीति में सफल लोगों की हस्तरेखा और कुंडली में कुछ खास तरह के योग होते हैं। जिन व्यक्तियों के हाथ की उंगलियां चौड़े सिरों वाली यानी सिरे पर पहले एवं दूसरे जोड़ की अपेक्षा अधिक चौड़ी होती हैं ऐसे व्यक्ति में कर्म करने की तीव्र इच्छा रहती है। ये व्यक्ति खाली नहीं बैठ सकते, लेकिन अस्थिर प्रवृत्ति के होते हैं। ऐसे व्यक्ति जन्मजात नेता और यात्रा प्रेमी तथा जीवन में बदलाव के पक्षपाती होते हैं। ऐसे व्यक्ति आविष्कारक एवं यान्त्रिक दक्षता वाली प्रवृत्ति के होते हैं। विस्तार, शोध एवं अनुसंधान से इन्हें विशेष प्रेम होता है।
जिन व्यक्तियों की हाथ की उंगलियों के सिरे मिश्रित हों अर्थात एक उंगली का सिरा नोकदार, दूसरी उंगली का सिरा वर्गाकार, तीसरी का सिरा चौड़ा हो, ऐसा व्यक्ति बहुमुखी प्रतिभा का स्वामी होता है। ऐसा व्यक्ति किसी भी कार्य को अनायास ही करने में सक्षम होता है। वह सब कार्यों में दखल तो रखता है, किन्तु दक्ष किसी कार्य में नहीं होता। ऐसा व्यक्ति सर्वगुण सम्पन्न तो होता है, किन्तु उसमें विशेषज्ञता की कमी होती है। हर प्रकार के व्यक्ति से वह सही व्यवहार कर सकता है।
सफल राजनेताओं की जन्म कुंडली में राहू का संबंध छठे, सातवें, दसवें एवं ग्यारहवें घर में देखा गया है। कुंडली के दसवें घर को राजनीति का घर कहते हैं। सत्ता में भाग लेने के लिए दशमेश या दशम भाव में उच्च का ग्रह बैठा होना चाहिए। साथ ही गुरु नवम में शुभ प्रभाव में स्थित होना चाहिए। दशम घर या दशमेश का संबंध सप्तम घर से होने पर व्यक्ति राजनीति में सफलता प्राप्त करता है। छठे घर को सेवा का घर कहते हैं। व्यक्ति में सेवाभाव होने के लिए इस घर से दशम दशमेश का संबंध होना चाहिए।
नेतागिरी या राजनीति के लिए आवश्यक ग्रह हैं राहू, शनि, सूर्य और मंगल। राहू को सभी ग्रहों में नीति कारक ग्रह का दर्जा प्राप्त है। इसका प्रभाव राजनीति के घर पर होना चाहिए। सूर्य को भी राज्य कारक ग्रह की उपाधि दी गई है। सूर्य दशम घर में स्वराशि या उच्च राशि में होकर स्थित हो, राहू को छठे घर, दसवें घर व ग्यारहवें घर से संबंध बने तो यह राजनीति में सफलता दिलाने की संभावना बनाता है। इस योग में दूसरे घर के स्वामी का प्रभाव भी आने से व्यक्ति अच्छा वक्ता बनता है। शनि दशम भाव में हो या दशमेश से संबंध बनाए और इसी दसवें घर में मंगल भी स्थित हो तो व्यक्ति समाज के लोगों के हितों के लिए काम करने के लिए राजनीति में आता है। नेतृत्व के लिए सिंह लग्न अच्छा समझा जाता है। सूर्य, चंद्र, बुध एवं गुरु धन भाव में हों, छठे भाव में मंगल ग्यारहवें घर में शनि, बारहवें घर में राहु और छठे घर में केतु हो तो ऐसे व्यक्ति को राजनीति विरासत में मिलती है। यह योग व्यक्ति को लम्बे समय तक शासन में रखता है।
जब कर्क लग्न की कुंडली में दशमेश मंगल दूसरे भाव में, शनि लग्न में, छठे भाव में राहू तथा लग्नेश की दृष्टि के साथ ही सूर्य-बुध पंचम या ग्यारहवें घर में हो तो व्यक्ति को यश की प्राप्ति होती है।
वृश्चिक लग्न की कुंडली में लग्नेश बारहवें में गुरु से दृष्ट हो, शनि लाभ भाव में हो, राहू चंद्र चौथे घर में हो, शुक्र स्वराशि के सप्तम में लग्नेश से दृष्ट हो तथा सूर्य ग्यारहवें घर के स्वामी के साथ युति कर शुभ स्थान में हो साथ ही गुरु की दशम एवं दूसरे घर पर दृष्टि हो तो व्यक्ति प्रखर व तेज नेता बनता है।
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✍आचार्य जे पी सिंह
ज्योतिष, वास्तु विशेषज्ञ एवं एस्ट्रो मेडिकल स्पेशलिस्ट
www.astrojp.com,
www.astrojpsingh.com
Mob .9811558158
planets for success in politics
Who becomes
Sun, Moon, Rahu and Shani are considered important in connecting with royalty or politics. In Vedic astrology, Sun has been given the title of King and Moon has been given the title of Queen Mother. On the other hand, Rahu has been given the status of policy factor among all the planets.
Expansion
On the one hand, politics gives power, fame, special social identity to a person. At the same time, there is also a sense of service and public welfare in it. In today's time, a large number of young people are looking at politics as a career. Like other careers, there are special astrological yogas in the horoscope of those who enter politics.
Doing politics is not in everyone's capability. This is the reason why a special combination of planets has been observed in the horoscope of such persons. Sun, Moon, Rahu and Shani are considered important in connecting with royalty or politics. In Vedic astrology, Sun has been given the title of King and Moon has been given the title of Queen Mother. On the other hand, Rahu has been given the status of policy factor among all the planets.
Politics and Horoscope
In Vedic astrology, the tenth house of the birth chart has been called the house of politics and the place of power. The fourth house of the horoscope is the house of contesting elections among the public, therefore the fourth house represents the public and elections. The eleventh house of the birth chart shows monetary gains from politics.
planets related to politics
Rahu: Rahu is considered the planet of politics. Rahu is not only a diplomat, but at the same time he also gets deceit done. In the Mahadasha of Rahu, many great men have been seen attaining high positions in politics. In the horoscope of successful politicians, the relation of Rahu has been seen with the seventh, tenth and eleventh house.
Sun, Moon, Rahu and Shani are considered important in connecting with royalty or politics. In Vedic astrology, Sun has been given the title of King and Moon has been given the title of Queen Mother. On the other hand, Rahu has been given the status of policy factor among all the planets.
Sun: Sun is considered the king among the nine planets. Sun represents empire, supremacy and glory. This is the reason why if the sun is in the ascendant, fourth, ninth or tenth house in the birth chart, it creates the possibility of success in politics.
Shani: Shani, the benefactor of the public, has been considered as the major factor in politics. If Saturn is in Kendra, exalted, own sign and original triangle, then the person plays long innings in politics and stays in the government for a long time.
There are astrological yogas for entry and success in politics. Like other professions, the success or failure in politics is largely influenced by the planets. There are some special types of yoga in the palm line and horoscope of successful people in politics. The persons whose fingers are broad headed i.e. wider than the first and second joints at the ends, such a person has a strong desire to work. These persons cannot sit idle, but are of unstable nature. Such people are born leaders and travel lovers and are partial to change in life. Such persons are of inventor and mechanical efficiency tendency. They have a special love for expansion, research and research.
The persons whose fingers have mixed ends i.e. the end of one finger is notched, the end of the second finger is square, the end of the third is broad, such a person is the master of versatility. Such a person is capable of doing any work spontaneously. He interferes in all the works, but is not efficient in any work. Such a person is full of all virtues, but he lacks expertise. He can behave properly with every type of person.
Rahu's relation is seen in the sixth, seventh, tenth and eleventh house in the horoscope of successful politicians. The tenth house of the horoscope is called the house of politics. To participate in the power, the planet of exaltation should be sitting in Dashmesh or Dasham Bhav. Along with this, Guru should be situated in auspicious effect in Navam. A person achieves success in politics when the tenth house or Dashmesh is related to the seventh house. The sixth house is called the house of service. For there to be service in a person, there should be a relation of Dasham Dashmesh with this house.
The essential planets for leadership or politics are Rahu, Saturn, Sun and Mars. Rahu has got the status of policy factor among all the planets. Its effect should be at the house of politics. Sun has also been given the title of ruling planet. If the Sun is located in the tenth house in its own sign or in an exalted sign, if Rahu has a relationship with the sixth house, the tenth house and the eleventh house, then it creates the possibility of success in politics. Due to the effect of the lord of the second house in this yoga, the person becomes a good speaker. If Saturn is in the tenth house or has a relationship with the tenth house and Mars is also situated in the same tenth house, then the person enters politics to work for the welfare of the people of the society. Leo ascendant is considered good for leadership. If Sun, Moon, Mercury and Guru are in the house of wealth, Mars in the sixth house, Saturn in the eleventh house, Rahu in the twelfth house and Ketu in the sixth house, then such a person inherits politics. This yoga keeps the person in control for a long time.
When in the horoscope of Cancer Ascendant, Mars is in the second house, Saturn is in the Ascendant, Rahu is in the sixth house and Sun-Mercury is in the fifth or eleventh house along with aspecting the Ascendant, then the person gets fame.
In the horoscope of Scorpio Ascendant, Lord of the Ascendant should be aspected by Jupiter in the twelfth house, Saturn should be in benefic house, Rahu should be in the fourth house, Moon should be in the fourth house, Venus should be aspected by Lord of the Ascendant in the seventh house and the Sun should be in auspicious place by joining with the lord of the eleventh house. If Jupiter aspects the tenth and second house, then the person becomes a strong and strong leader.
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✍ Acharya JP Singh
Astrology, Vastu Specialist & Astro Medical Specialist
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