Know the mathematics of friendship from the horoscope


कुंडली से जानें दोस्ती का गणित

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रत्येक प्राणी किसी न किसी ग्रह, राशि व लग्न के प्रभाव में होता है और मित्रता जातक की कुंडली तय करती है। ज्योतिष के अनुसार नौ ग्रहों में पांच प्रकार की मित्रता होती है। परम मित्र, मित्र, शत्रु, अधिशत्रु एवं ग्रहों की स्थिति के अनुसार तात्कालिक मैत्री।

कर्क , वृश्चिक व मीन राशियां जल तत्व प्रधान हैं। ये धीर-गंभीर व विशाल हृदया होती हैं। ज्योतिष के मुताबिक एक ही तत्व की राशियों में गहरी मित्रता होती है। पृथ्वी, जल तत्त्व और अग्नि, वायु तत्त्वों वाले जातकों की भी पटरी अच्छी बैठती है। अग्नि व वायु तत्त्व वालों की मित्रता भी होती है। लेकिन पृथ्वी, अग्नि तत्त्व, जल तथा अग्नि तत्व एवं जल तथा वायु तत्त्वों वाले जातकों में शत्रुता के संबंध होते हैं। 

तत्व के अलावा राशियों के स्वभाव पर भी मित्रता का असर होता है। राशियों के हिसाब से देखें तो स्वयं की राशि के अलावा मेष, सिंह व धनु राशि वालों की मित्रता मिथुन, तुला व कुंभ राशि वाले लोगों से होती है। वृष, कन्या व मकर राशि वाले लोगों की मित्रता कर्क, वृश्चिक व मीन राशि वाले लोगों से ज्यादा पटती है। 

सिर्फ राशियां ही नहीं ग्रहों की भी मित्रता में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। नव ग्रहों में सूर्य-सिंह राशि, चंद्रमा-कर्क राशि, मंगल-मेष व वृश्चिक, बुध-मिथुन व कन्या, गुरु-धनु व मीन राशि, शुक्र-वृष व तुला तथा शनि-मकर व कुंभ राशि के स्वामी होते हैं। शास्त्रों में इनमें नैसर्गिक मैत्री संबंध बताए गए हैं। 
आपने राशि मित्रता, ग्रह मित्रता या भाव मित्रता के बारे में तो सुना ही होगा। यदि आप अनी राशि के अनुसार मित्र, प्रेमी या पत्नीं बनाएंगे तो जीवन में लाभ मिलेगा और कभी कोई गंभीर समस्या उत्पन्न न होगी। परंतु हम आपको ज्योतिष मान्यता पर आधारित संक्षिप्त में बताने जा रहा हैं कि आपकी कुंडली किस भाव में कौनसा ग्रह होने पर आपकी होगी कैसे लोगों से मित्रता।

1. मित्रता का प्रमुख भाव एकादश भाव है जो आय भाव भी है जिसके जितने अच्छे मित्र होंगे, आय भाव उतना ही मजबूत होगा।

2. इस भाव में यदि सूर्य हो तो ऐसे जातक की उच्च पदासीन, सत्तासीन व राजनीतिक लोगों से मित्रता होती है।

3. चंद्रमा इस भाव में होने पर ऐसे जातक के मित्र कलाकार, वायुयान चालक, जहाज के कैप्टन, नाविक आदि मित्र होते हैं।

4. एकादश भाव में मंगल है तो ऐसे जातक के मित्र खिलाड़ी, पहलवान, कुक आदि प्रकृति के लोग होते हैं।

5. यदि बुध इस भाव में हो तो ऐसे जातक के मित्र व्यावसायिक वृत्ति के लोग होते हैं।

6. गुरु इस भाव में होने पर जातक के मित्र बैंकिंग, वित्त धार्मिक आस्था, दार्शनिक आदि किस्म के होते हैं।

7. शुक्र इस भाव में होने पर अभिनय क्षेत्र, स्त्री, कलाकार आदि मित्रों की संख्या अधिक होती है।

8. शनि एकादश भाव में होने पर जातक के नौकरी पेशा, सेवावृत्ति, अपनी आयु से अधिक उम्र वाले लोगों से मैत्री संबंध होते हैं।

9. यदि इस भाव में राहु या केतू हो तो ऐसे व्यक्ति के छद्म मित्रों व अपनी जाति से इतर लोगों से मित्रों की संख्या अधिक होती है।

10. यदि इस भाव में कोई भी ग्रह नहीं है तो उस पर ग्रहों की दृष्टि और उस भाव की राशि से मित्रता का अनुमान लगाया जा सकता है।

राशियां भी जिम्मेदार 

दो विभिन्न व्यक्तियों, प्रेमी-प्रेमिका, पति-पत्नी का आपसी संबंध राशियों के तत्व पर आधारित होता है। हमारा शरीर पंच तत्वों से बना है और 12 राशियां इन्हीं में से 4 तत्वों में विभाजित की गई हैं। ‘अग्नि’ ‘भूमि’, ‘वायु’ (इसमें आकाश तत्व भी शामिल है) व जल। मेष, सिंह व धनु राशियां अग्नि तत्व प्रधान अर्थात ये उग्र व गर्म मिजाज वाली राशियां होती हैं। वृष, कन्या व मकर राशियां भूमि या पृथ्वी तत्व प्रधान होने के कारण धैर्यशाली व ठंडे मिजाज वाली, मिथुन, तुला व कुंभ राशियां वायु तत्व प्रधान होने के कारण अस्थिर चित्त व द्विस्वभाव वाली होती हैं। कर्क, वृश्चिक व मीन राशियां जल तत्व प्रधान हैं। ये धीर-गंभीर व विशाल हृदया होती हैं।
ज्योतिष के मुताबिक एक ही तत्व की राशियों में गहरी मित्रता होती है। पृथ्वी, जल तत्व और अग्नि, वायु तत्वों वाले जातकों की भी पटरी अच्छी बैठती है। अग्नि व वायु तत्व वालों की मित्रता भी होती है लेकिन पृथ्वी, अग्नि तत्व, जल तथा अग्नि तत्व एवं जल तथा वायु तत्वों वाले जातकों में शत्रुता के संबंध होते हैं। तत्व के अलावा राशियों के स्वभाव पर भी मित्रता का असर होता है। राशियों के हिसाब से देखें तो स्वयं की राशि के अलावा मेष, सिंह व धनु राशि वालों की मित्रता मिथुन, तुला व कुंभ राशि वाले लोगों से होती है। वृष, कन्या व मकर राशि वाले लोगों की मित्रता कर्क, वृश्चिक व मीन राशि वाले लोगों से ज्यादा पटती है।
दोस्ती में होता है ग्रहों का बोलबाला 
सिर्फ राशियां ही नहीं, ग्रहों की भी मित्रता में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। नवग्रहों में सूर्य-सिंह राशि, चंद्रमा-कर्क राशि, मंगल-मेष व वृश्चिक, बुध-मिथुन व कन्या, गुरु-धनु व मीन राशि, शुक्र-वृष व तुला तथा शनि-मकर व कुंभ राशि के स्वामी होते हैं। शास्त्रों में इनमें नैसर्गिक मैत्री संबंध बताए गए हैं। इसके अलावा ग्रहों में तात्कालिक मैत्री भी होती है, जो इनकी कुंडली में स्थिति के अनुसार होती है जैसे मंगल व शनि कुंडली में एक साथ बैठे हों तो इनमें तात्कालिक मैत्री संबंध होते हैं। मोटे तौर पर हम ग्रहों की तीन प्रकार-मित्रता, शत्रुता व साम्यता के बारे में जानकारी लेते हैं। आइए देखें ग्रहों के नैसर्गिक मैत्री संबंध क्या हैं :

सूर्य : सूर्य के चंद्रमा, मंगल व गुरु मित्र होते हैं। शनि-शुक्र शत्रु व बुध से साम्यता के संबंध हैं। इस प्रकार सिंह राशि वाले की मित्रता मेष, कर्क, वृश्चिक, धनु व मीन राशि वालों से व मकर, कुंभ, वृष व तुला वाले लोगों से शत्रुता होती है। सूर्य तेज व अधिकारिता के स्वामी हैं अत: इनकी चाहत रखने वाले से मैत्री संबंध व शनि व शुक्र क्रमश: सेवा व आराम पसंद होते हैं इसलिए इनसे शत्रुता होती है।

चंद्र : चंद्र ग्रह के अधिकांश ग्रह मित्र होते हैं परंतु बुध, शुक्र, शनि, राहु, केतू इन्हें पसंद नहीं करते। बुध, शुक्र, गुरु, शनि मित्र व सिर्फ मंगल से शत्रुता होती है। चंद्रमा जल प्रधान व मंगल अग्नि तत्व प्रधान होते हैं। जाहिर है कि आग और पानी में मित्रता नहीं हो सकती।
मंगल : मंगल के मित्र शनि व सूर्य होते हैं। चंद्र व गुरु से साम्यता व शुक्र व बुध से शत्रुता के संबंध होते हैं। इस प्रकार मेष व वृश्चिक राशि वाले लोगों की मित्रता कर्क, धनु व मीन से तथा वृष, तुला, मिथुन व कन्या राशि से शत्रुता होती है।

बुध : इस ग्रह के सूर्य, गुरु व चंद्र मित्र होते हैं। शनि से इनकी शत्रुता होती है। इस प्रकार मिथुन व कन्या राशि वाले लोगों की मित्रता सिंह, कर्क, धनु व मीन राशि के लोगों से होती है। मकर व कुंभ राशि से असामान्य संबंध होते हैं।
 
गुरु : गुरु के मंगल, चंद्र, शनि मित्र व शुक्र तथा बुध से शत्रुता होती है। इस प्रकार धनु व मीन राशि के लोगों की मेष, वृश्चिक, कर्क, मकर व कुंभ से मित्रता तथा वृष, तुला व मिथुन, कन्या से शत्रुतापूर्ण संबंध होते हैं। गुरु स्वयं मर्यादा में रहना सिखाते हैं जबकि बुध व शुक्र दोनों ही आदतन इससे दूर रहने वाले होते हैं।

शुक्र : इसके गुरु, सूर्य मित्र व मंगल शत्रु होते हैं। इस प्रकार शुक्र की राशि वृष व तुला वाले लोगों की मित्रता, सिंह, धनु व मीन राशि वालों से तथा मेष व वृश्चिक राशि के लोगों से शत्रुतापूर्ण संबंध होते हैं। चंद्रमा, बुध व शनि के साथ इनके समानता के संबंध होते हैं। 
शनि : इस ग्रह की गुरु, चंद्र, मंगल से मित्रता व शनि सूर्य से शत्रुता रखते हैं। अत: मकर व कुंभ राशि वाले लोगों की मित्रता मेष, वृश्चिक, कर्क, धनु व मीन राशि के लोगों से होती है। सिंह राशि के लोगों से मित्रता नहीं होती है।
ज्योतिष के अनुसार मैत्री के प्रमुख भाव 
ज्योतिष के अनुसार मित्रता का प्रमुख भाव एकादश भाव है जो आय भाव भी है जिसके जितने अच्छे मित्र होंगे, आय भाव उतना ही मजबूत होगा। अन्यथा कमजोर होगा। इस भाव में यदि सूर्य हो तो ऐसे जातक की उच्च पदासीन, सत्तासीन व राजनीतिक लोगों से मित्रता होगी। चंद्रमा इस भाव में होने पर मित्र कलाकार, वायुयान चालक, जहाज के कैप्टन, नाविक आदि मित्र होंगे। यदि एकादश भाव में मंगल है तो मित्र खिलाड़ी, पहलवान, कुक आदि प्रकृति के लोग होंगे व बुध इस भाव में होने पर व्यावसायिक वृत्ति के लोग, गुरु इस भाव में होने पर बैंकिंग, वित्त धार्मिक आस्था, दार्शनिक आदि मित्र होंगे। शुक्र इस भाव में होने पर अभिनय क्षेत्र, स्त्री जातक, कलाकार आदि मित्रों की संख्या अधिक होगी। शनि एकादश भाव में होने पर नौकरी पेशा, सेवावृत्ति, अपनी आयु से अधिक उम्र वाले लोगों से मैत्री संबंध होते हैं। यदि इस भाव में राहु या केतू हो तो ऐसे व्यक्ति के छद्म मित्रों व अपनी जाति से इतर लोगों से मित्रों की संख्या अधिक होती है। वह अपने लोगों से दूर-दूर रहता है।

इस लेख को ध्यानपूर्वक पढ़ें और पढ़ कर इस ज्ञान को अपने तक ही ना रखें इसे अधिक से अधिक शेयर करें ताकि यह ज्ञान सब तक पहुंच सके क्योंकि ज्ञान का दान सर्वाधिक महत्वपूर्ण एवं लाभकारी है

✍आचार्य जे पी सिंह
ज्योतिष, वास्तु विशेषज्ञ एवं एस्ट्रो मेडिकल स्पेशलिस्ट       
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Know the mathematics of friendship from the horoscope

According to astrology, every creature is under the influence of some planet, zodiac and ascendant and friendship decides the horoscope of the person.  According to astrology, there are five types of friendship among the nine planets.  Param Friend, Friend, Enemy, Adeshtru and instant friendship according to the position of the planets.

Cancer, Scorpio and Pisces are water element dominant.  They are patient and big hearted.  According to astrology, there is a deep friendship between the signs of the same element.  People with earth, water element and fire, air elements also have a good track.  There is also a friendship between the elements of fire and air.  But there are relations of enmity between the people of earth, fire element, water and fire element and water and air elements.

Apart from the element, there is also an effect of friendship on the nature of the zodiac signs.  According to the zodiac signs, apart from their own zodiac, the people of Aries, Leo and Sagittarius are friendly with the people of Gemini, Libra and Aquarius.  The friendship of Taurus, Virgo and Capricorn is better than that of Cancer, Scorpio and Pisces.

Not only zodiac signs, planets also play an important role in friendship.  Of the nine planets, Sun-Leo, Moon-Cancer, Mars-Aries and Scorpio, Mercury-Gemini and Virgo, Jupiter-Sagittarius and Pisces, Venus-Taurus and Libra and Saturn-Capricorn and Aquarius are the lords.  In the scriptures, natural friendship relations have been told in them.
You must have heard about zodiac friendship, planet friendliness or house friendship.  If you make friends, lovers or wife according to your zodiac sign, then you will get benefits in life and no serious problem will ever arise.  But we are going to tell you in brief based on astrology belief that in which house of your horoscope, which planet will be in your horoscope, how will be your friendship with people.

1. The main house of friendship is the eleventh house, which is also the income house, the more good friends there are, the stronger the income house.

2. If the Sun is in this house, then such a person has friendship with high position, ruling and political people.

3. When the Moon is in this house, the friends of such a person are artist, aeronautical, captain of a ship, sailor etc.

4. If Mars is in the eleventh house, then the friends of such a person are sportsmen, wrestlers, cooks etc. people of nature.

5. If Mercury is in this house, then the friends of such a person are people of business profession.

6. When Jupiter is in this house, the friends of the person are banking, finance, religious faith, philosopher etc.

7. When Venus is in this house, the number of friends in the acting field, women, artist etc. is more.

8. When Saturn is in the eleventh house, the person has a career, service, friendship with people who are older than his age.

9. If there is Rahu or Ketu in this house, then the number of friends of such a person is more than pseudo friends and people outside his caste.

10. If there is no planet in this house, then friendship can be estimated by the sight of the planets on it and the zodiac sign of that house.

amounts are also responsible
The relationship between two different persons, lover-girlfriend, husband and wife, is based on the element of the zodiac.  Our body is made up of five elements and 12 zodiac signs are divided into 4 elements out of these.  'Agni' 'Bhoomi', 'Vayu' (this includes the element of sky) and water.  Aries, Leo and Sagittarius zodiac signs are fire element ie these are fiery and hot-tempered zodiac signs.  Taurus, Virgo and Capricorn being ground or earth element, being patient and cold-tempered, Gemini, Libra and Aquarius being air element dominant, they have unstable mind and dual nature.  The signs of Cancer, Scorpio and Pisces are water dominant.  They are patient and big hearted.
According to astrology, there is a deep friendship between the signs of the same element.  The people with earth, water element and fire and air elements also have a good track.  The people of fire and air elements also have friendship, but there are relations of enmity between the people of earth, fire element, water and fire element and the people with water and air elements.  Apart from the element, there is also an effect of friendship on the nature of the zodiac signs.  According to the zodiac signs, apart from their own zodiac, the people of Aries, Leo and Sagittarius are friendly with the people of Gemini, Libra and Aquarius.  The friendship of Taurus, Virgo and Capricorn is better than that of Cancer, Scorpio and Pisces.
Friendship is dominated by planets
Not only zodiac signs, planets also play an important role in friendship.  Among the nine planets Sun-Leo, Moon-Cancer, Mars-Aries and Scorpio, Mercury-Gemini and Virgo, Jupiter-Sagittarius and Pisces, Venus-Taurus and Libra and Saturn-Capricorn and Aquarius are the lords.  In the scriptures, natural friendship relations have been told in them.  Apart from this, the planets also have instant friendship, which is according to the position in their horoscope, as if Mars and Saturn are sitting together in the horoscope, then they have instant friendship.  Broadly speaking, we take information about the three types of planets - friendship, enmity and equanimity.  Let us see what are the natural friendship relations of the planets:

Sun: Moon, Mars and Jupiter are friends of Sun.  There is a relationship of equality with Saturn-Venus and Mercury.  Thus, the friendship of Leo zodiac sign is enmity with the people of Aries, Cancer, Scorpio, Sagittarius and Pisces and Capricorn, Aquarius, Taurus and Libra.  Sun is the lord of effulgence and authority, therefore, the person who wants them likes friendly relations and Shani and Venus like service and comfort respectively, hence there is enmity with them.

Moon: Most of the planets of the Moon planet are friends but Mercury, Venus, Saturn, Rahu, Ketu do not like them.  There is enmity with Mercury, Venus, Jupiter, Saturn friends and only Mars.  Moon is water dominant and Mars is fire element.  Obviously there cannot be friendship between fire and water.
Mars: The friends of Mars are Saturn and Sun.  There is a relationship of equality with Moon and Jupiter and enmity with Venus and Mercury.  In this way, people of Aries and Scorpio zodiac signs have enmity with Cancer, Sagittarius and Pisces and with Taurus, Libra, Gemini and Virgo.

Mercury: Sun, Jupiter and Moon are friends of this planet.  They have enmity with Saturn.  In this way, the people of Gemini and Virgo are friendly with the people of Leo, Cancer, Sagittarius and Pisces.  Capricorn and Aquarius have unusual relations.

Guru: Mars, Moon, Saturn are friends of Jupiter and there is enmity with Venus and Mercury.  In this way, the people of Sagittarius and Pisces have friendship with Aries, Scorpio, Cancer, Capricorn and Aquarius and hostile relations with Taurus, Libra and Gemini, Virgo.  Guru himself teaches to live in dignity, while both Mercury and Venus are habitually away from it.

Venus: Its Guru, Sun are friends and Mars are enemies.  In this way, there is a friendship between the people of Taurus and Libra, with the people of Leo, Sagittarius and Pisces, and with the people of Aries and Scorpio, there is a hostile relationship.  They have similar relations with Moon, Mercury and Saturn.
Saturn: This planet is friendly with Jupiter, Moon, Mars and Saturn is hostile to Sun.  Therefore, people of Capricorn and Aquarius are friendly with people of Aries, Scorpio, Cancer, Sagittarius and Pisces.  There is no friendship with Leo sign people.
Major expressions of friendship according to astrology
According to astrology, the main house of friendship is the eleventh house, which is also the income house, the more good friends there are, the stronger the income house.  Otherwise it will be weak.  If the Sun is in this house, then such a person will have friendship with high position, ruling and political people.  When Moon is in this house, friends will be artists, aeronautics, captains of ships, sailors etc.  If there is Mars in the eleventh house, then there will be people of nature like sportsmen, wrestlers, cooks etc. and when Mercury is in this house, people of business profession, if Jupiter is in this house, banking, finance, religious faith, philosophers etc. will be friends.  If Venus is in this house, there will be more number of friends in the acting field, female person, artist etc.  When Saturn is in the eleventh house, there is a job profession, service, friendship with people who are older than one's age.  If there is Rahu or Ketu in this house, then such a person has more number of friends than pseudo friends and people outside his caste.  He lives far away from his people.

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Acharya JP Singh
Astrologer, Vastu Specialist & Astro Medical Specialist
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