Choghadiya Meaning


पंचांग में मुहूर्त और चौघड़िया का क्या महत्व है?

चौघड़िया अर्थ

चौघड़िया का अर्थ चार घड़ियाल है जो 96 मिनट का है। हिंदी शब्दों से व्युत्पन्न, चौगड़िया में "चौ", चार का अर्थ है और "घडी" का अर्थ है समय अवधि। इसे "चतुरशिका मुहूर्त" के रूप में भी जाना जाता है। ज्योतिषीय दृष्टि से सात अच्छे और बुरे चौगड़िया हैं। वो हैं,
1 . उदवेग चौघड़िया - चौघड़िया में, उद्वेग पहला मुहूर्त है जो कि पृथ्वी ग्रह पर शासित है। इस घडी को अशुभ माना जाता है। हालाकि, उदवेग में सरकार से संबंधित कार्य करने से सुखद परिणाम मिलते हैं।

2. लाभ चौघड़िया - लाभ दूसरा चौगड़िया है जो बुध ग्रह द्वारा शासित है। यह अवधि शुभ मानी जाती है . और किसी भी व्यावसायिक या शैक्षिक संबंधित कार्य को शुरू करने के लिए बहुत उपयुक्त है।

3. चार चौगड़िया - शुक्र द्वारा शासित, चार तीसरा चौगड़िया है जिसे यात्रा के उद्देश्य से शुभ मुहूर्त माना जाता है।

4. रोग चौघड़िया - चौघड़िया का चौथा मुहूर्त, रोग ग्रह मंगल द्वारा शासित है। इस चौथे मुहूर्त में व्यक्ति को कोई भी शुभ काम शुरू नहीं करना चाहिए और न ही चिकित्सकीय परामर्श लेना चाहिए। इस अवधि में युद्ध और शत्रु संघर्ष होते हैं।

5. शुभ चौघड़िया - शुभ चौघड़िया पर बृहस्पति ग्रह का शासन है और किसी भी कार्य को करने के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है। विवाह, पूजा, यज्ञ और अन्य धार्मिक गतिविधियाँ इस दौरान की जानी चाहिए।

6. काल चौघड़िया - काल एक शुभ चौघड़िया है जो कि शनि ग्रह शनि द्वारा शासित है। धन संचय के लिए, इस अवधि को शुभ मुहूर्त या फलदायी समय माना जाता है।

7. अमृत चौघड़िया - चौघड़िया के अंतिम मुहूर्त पर चंद्रमा ग्रह का शासन होता है। यह दिन का सबसे शुभ समय है। इस अवधि में किया गया कुछ भी कार्य सकारात्मक परिणाम देता है।

हिन्दू पंचांग और ज्योतिष के अनुसार जब कोई मुहूर्त नहीं निकल रहा हो और किसी कार्य को शीघ्रता से आरंभ करना हो अथवा यात्रा पर जाना हो तो उसके लिए चौघड़िया मुहूर्त देखकर कार्य करना या यात्रा करना उत्तम होता है।

चौघड़िया मुहूर्त ज्योतिष की एक ऐसी तालिका है जो कि खगोलीय स्थिति के आधार पर दिन के 24 घंटों की दशा बताती है। दिन और रात के आठ-आठ हिस्से का एक चौघड़िया होता है। यानी 12 घंटे का दिन और 12 घंटे की रात में प्रत्येक 1.30 मिनट का एक चौघड़िया होता है। 
चौघड़िया सूर्योदय से प्रारंभ होता है। सात चौघड़ियों के बाद पहला चौघड़िया ही आठवां चौघड़िया होता है। सात वारों के चौघड़िए अलग-अलग होते हैं।
सामान्य रूप से श्रेष्ठ चौघड़िए शुभ, चंचल, अमृत और लाभ के माने जाते हैं। उद्वेग, रोग और काल को नेष्ट माना जाता है। प्रत्येक चौघड़िए का ग्रह स्वामी होता है जो उस समय में बलप्रधान माना जाता है। उद्वेग का रवि, चंचल का शुक्र, लाभ का बुध, अमृत का चंद्र, काल का शनि, शुभ का गुरु, रोग का मंगल ग्रह स्वामी है।
कोई लोहे या तेल से संबंधित व्यापार शुरू कर रहा हो तो उसके लिए शनि के प्रभाव वाला काल का चौघड़िया उत्तम फलदायी सिद्ध हो सकता है।
उसी तरह किसी व्यक्ति को पूर्व दिशा में यात्रा करनी है और वह अमृत के चौघड़िए में यात्रा प्रारंभ करता है वह उसके लिए नुकसानदायी सिद्ध होगा कारण अमृत चौघड़िया का स्वामी चंद्र है और चंद्र पूर्व दिशा में दिशा शूल का कारक है जो परेशानी और बाधाएं देता है।

 

जिस चौघड़िए का स्वामी जिस दिशा में दिशाशूल का कारक हो उस दिशा में यात्रा करना वर्जित माना गया है। कुछ बातों को छोड़ दें तो सामान्य रूप से चौघड़िया मुहूर्त उत्तम और अभीष्ट फलदायक होते हैं।

हिन्दू धर्म में मुहूर्त एक समय मापन इकाई है। वर्तमान हिन्दी भाषा में इस शब्द को किसी कार्य को आरम्भ करने की "शुभ घड़ी" को कहने लगे हैं।
एक मुहूर्त लगभग दो घड़ी के या 48 मिनट के बराबर होता है।
अमृत/जीव मुहूर्त और ब्रह्म मुहूर्त बहुत श्रेष्ठ होते हैं ; ब्रह्म मुहूर्त सूर्योदय से पच्चीस नाड़ियां पूर्व, यानि लगभग दो घंटे पूर्व होता है। यह समय योग साधना और ध्यान लगाने के लिये सर्वोत्तम कहा गया है।

मुहूर्त, ज्तोतिष के छः अंगों (जातक, गोल, निमित्त, प्रश्न, मुहूर्त, गणित) में से एक अंग है।

जातकगोलनिमित्तप्रश्नमुहूर्त्ताख्यगणितनामानि ।अभिदधतीहषडङ्गानि आचार्या ज्योतिषे महाशास्त्रे ॥ (प्रश्नमार्गः)

शुभ कार्य करने के लिए वांछित समय के गुण-दोष का विचिन्तन मुहूर्त के अन्तर्गत प्रतिपादित है।

सुखदुःखकरं कर्म शुभाशुभमुहूर्त्तजं ।जन्मान्तरेऽपि तत् कुर्यात् फलं तस्यान्वयोऽपि वा ॥

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✍आचार्य जे पी सिंह
ज्योतिष, वास्तु विशेषज्ञ एवं एस्ट्रो मेडिकल स्पेशलिस्ट       
www.astrojp.com,
www.astrojpsingh.com
Mob .9811558158

What is the significance of Muhurta and Choghadiya in Panchang?

Choghadiya Meaning

Choghadiya means four gharials which is of 96 minutes.  Derived from Hindi words, "Chau" in Chowgadiya means four and "Ghadi" means time period.  It is also known as "Chaturshika Muhurta".  There are seven good and bad Choghadiyas from the astrological point of view.  they are,
1.  Udveg Choghadiya - In Choghadiya, Udvega is the first Muhurta that is governed on the planet Earth.  This watch is considered inauspicious.  However, doing work related to the government in Udweg gives pleasant results.

2. Labh Choghadiya - Labh is the second Choghadiya which is ruled by the planet Mercury.  This period is considered auspicious.  And very suitable for starting any vocational or educational related work.

3. Char Choghadiya - Ruled by Venus, there is four third Choghadiya which is considered as auspicious time for the purpose of travel.

4. Rog Choghadiya - The fourth Muhurta of Choghadiya is ruled by the planet Mars.  One should not start any auspicious work or seek medical advice during this fourth Muhurta.  There are wars and enemy conflicts during this period.

5. Shubh Choghadiya - Shubh Choghadiya is ruled by the planet Jupiter and is considered very auspicious for doing any work.  Marriages, pujas, yagyas and other religious activities should be performed during this time.

6. Kaal Choghadiya - Kaal is an auspicious Choghadiya which is ruled by the planet Saturn.  For wealth accumulation, this period is considered as an auspicious time or fruitful time.

7. Amrit Choghadiya - Moon is ruled by the planet Moon on the last Muhurta of Choghadiya.  This is the most auspicious time of the day.  Anything done during this period gives positive results.

According to the Hindu calendar and astrology, when there is no Muhurta coming out and to start any work quickly or to go on a journey, then it is best to work or travel after seeing the Choghadiya Muhurta.

Choghadiya Muhurta is a table of astrology that gives the condition of 24 hours of the day on the basis of astronomical position.  There is a Choghadiya of eight parts of day and night.  That is, there is a Choghadiya of 1.30 minutes each in a 12-hour day and 12-hour night.
Choghadiya starts at sunrise.  After seven Choghadiya, the first Choghadiya is the eighth Choghadiya.  The Choghadiyas of the Seven Wars are different.
In general, the best Choghadiyas are considered auspicious, playful, nectar and benefic.  Udvega, disease and time are considered negative.  Each Choghadiya is ruled by a planet which is considered to be dominant at that time.  The Sun of excitement, Venus of fickleness, Mercury of profit, Moon of nectar, Saturn of time, Guru of auspiciousness, Mars is the lord of disease.
If someone is starting a business related to iron or oil, then the Choghadiya period under the influence of Saturn can prove to be very fruitful for him.
In the same way, a person has to travel in the east direction and he starts the journey in the Choghadiya of Amrit, it will prove to be harmful for him because the lord of Amrit Choghadiya is Moon and the Moon is the factor of direction in the east direction which gives troubles and obstacles.  .

Traveling in the direction in which the owner of the Choghadiya is the factor of direction is considered forbidden.  Barring a few things, Choghadiya Muhurta is generally good and fruitful.

In Hinduism, Muhurta is a time measurement unit.  In the present Hindi language, this word has been started to say "auspicious time" to start any work.
One Muhurta is approximately equal to two clocks or 48 minutes.
Amrit/Jiva Muhurta and Brahma Muhurta are very best;  Brahma Muhurta occurs twenty-five nadis before sunrise, that is, about two hours before.  This time is said to be the best for yoga, meditation and meditation.

Muhurta is one of the six parts of astrology (Jataka, Gol, Nimita, Prasana, Muhurta, Mathematics).

Jatakagolanimittaprasnamuhurta naknamnamani.  (Question:)

For doing auspicious work, the merits and demerits of the desired time are prescribed under the Muhurta.

Sukhduhkhkaram Karma Shubhashubhmuhurtajam.

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Acharya JP Singh
Astrologer, Vastu Specialist & Astro Medical Specialist
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