Abhijeet Muhurta


अभिजीत मुहूर्त में सिद्ध होते हैं कार्य, मिलती है सफलता

शास्त्रों का ज्योतिष में रुचि रखने वाले लोग अक्सर अभिजीत मुहूर्त के बारे में सुनते पढ़ते रहते हैं।  हमारे शास्त्रों के अनुसार एक दिन में सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक कुल 30  प्रकार के विभिन्न मूहूर्त होते हैं। इनमें से अभिजीत मुहूर्त  को सभी प्रकार के मुहूर्तो में अत्यंत शुभ और फलदायी मानी जाता है। अभिजीत का मतलब होता है विेजेता और मुहूर्त का अर्थ होता है - समय। जिसका अर्थ ये हुआ कि अभिजीत मुहूर्त में किए जाने वाले कार्यों में न केवल सफलता मिलती है बल्कि इस मुहूर्त में किया गया हर काम शुभ फल भी प्रदान करता है। यही कारण सनातन धर्म में हर तरह के धार्मिक अनुष्ठान व कार्य आदि को करने के लिए अभिजीत मुहूर्त का समय दिया जाता है, क्योंकि इसके परिणाण हमेशा सकारात्मक होते हैं।  इसकी विशिष्‍टता यह भी है कि बिना विशेष योग के भी इस मुहूर्त में किया गया कार्य फलदायी होता है। इस समय में कोई भी कार्य करने पर विजय प्राप्त होती है। प्रभु राम जी के जन्म से भी अभिजीत मुहूर्त का खास संबंध है। तुलसीदासजी ने रामचरितमानस में भगवान श्रीराम के जन्म के समय पर लिखा है-

''नौमी तिथि मधुमास पुनीता. सुकल पक्ष अभिजित् हरिप्रीता..'' ''मध्य दिवस अति सीत न घामा. पावन काल लोक विश्रामा..''

प्रतिदिन ठीक दोपहर अर्थात् दिन के मध्य में अभिजीत मुहूर्त दो घड़ी यानि 48 मिनट के लिए बनता है। इसे अबूझ मुहूर्त की संज्ञा दी जाती है. इसमें कामकाज से जुड़े प्रत्येक कार्य को बिना विचार के सहजता से किया जा सकता है। अभिजीत मुहूर्त निकालने का सरल तरीका यह है कि सूर्योदय से सूर्यास्त तक की समयावधि के मध्य से एक घड़ी पहले यह शुरू होता है। एक घड़ी बाद तक रहता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार  कोई भी कार्य को संपन्न करने के लिए मुहूर्त की गणना करते समय दिन, तिथि, नक्षत्र, योग और दिनमान आदि की प्रमुखतता दी जाती है। अभिजीत मुहूर्त प्रत्येक दिन में एक ऐसा समय आता है जिसमें लगभग सभी शुभ कार्य संपन्न किए जा सकते हैं। 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अभिजीत मुहूर्त प्रत्येक दिन दोपहर होने से लगभग 24 मिनट पहले प्रारम्भ होकर मध्यान्ह के 24 मिनट बाद समाप्त हो जाता है। उदाहरण के तौर पर बताएं तो अगर दिन में सूर्योदय ठीक 6 बजे होता है तो अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजे से ठीक 24 मिनट पहले प्रारम्भ होगा और दोपहर 12 बजकर 24 पर समाप्त हो जाएगा। इसके साथ ही बताते चलें अभिजीत मुहूर्त का समय प्रत्येक दिन सूर्योदय के अनुसार बदलता है। उस दिन का पंचांग देख कर भी अभिजीत मुहूर्त का पता लगाया जा सकता है। अभिजीत मुहूर्त में  नए कार्य का शुभारंभ करना, व्यापार शुरू करने आदि से लेकर धार्मिक अनुष्ठान व पूजा करना सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। लेकिन कई ज्योतिषाचार्य  मांगलिक कार्य और ग्रह प्रवेश जैसे प्रमुख कार्यों के लिए अभिजीत मुहूर्त के साथ अन्य भी योगों को ध्यान में रखना आवश्यक मानते हैं। अभिजीत मुहूर्त जहां सफलता की गारंटी होता है, वहीं कई ज्योतिष विद्वान यह सलाह भी देते हैं कि इस मुहूर्त में दक्षिण दिशा की यात्रा करने से बचना चाहिए। 

अभिजीत मुहूर्त महत्व 

शास्त्रों की मानें तो एक दिन में सूर्योदय से लेकरप सूर्यास्त तक कुल 30 विभिन्न प्रकार के मूहूर्त होते हैं। इनमें से अभिजीत मुहूर्त सभी में से अत्यंत शुभ और फलदायी मानी जाता है। कहा जाता है अभिजीत का मतलब होता है विेजेता और मुहूर्त का अर्थ होता है समय। जिसका अर्थ ये हुआ कि अभिजीत मुहूर्त में किया गया हर काम शुभ फल ही प्रदान करता है। यही कारण सनातन धर्म में हर तरह के धार्मिक अनुष्ठान व कार्य आदि को करने के लिए अभिजीत मुहूर्त का समय दिया जाता, क्योंकि इसके परिणाण हमेशा सकारात्मक होते हैं। 

 अभिजीत मुहूर्त समय

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अभिजीत मुहूर्त प्रत्येक दिन दोपहर होने से लगभग 24 मिनट पहले प्रारम्भ होकर मध्यान्ह के 24 मिनट बाद समाप्त हो जाता है। उदाहरण के तौर पर बताएं तो अगर दिन में सूर्योदय ठीक 6 बजे होता है तो अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजे से ठीक 24 मिनट पहले प्रारम्भ होगा और दोपहर 12 बजकर 24 पर समाप्त हो जाएगा। इसके साथ ही बताते चलें अभिजीत मुहूर्त का समय प्रत्येक दिन सूर्योदय के अनुसार बदलता है।

अभिजीत मुहूर्त में कर सकते हैं कौन से शुभ कार्य 
इस मुहूर्त में यात्रा करना, नए कार्य का शुभारंभ करना, व्यापार शुरू करने आदि से लेकर धार्मिक अनुष्ठान व पूजा करना सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। किंतु बता दें कुछ लोगों का मानना है कि मांगलिक कार्य और ग्रह प्रवेश जैसे प्रमुख कार्यों के लिए अभिजीत मुहूर्त के साथ अन्य भी योगों को ध्यान में रखना आवश्यक होता है। 

अभिजीत मुहूर्त नहीं करना चाहिए ये काम

ज्योतिष विद्वान बताते हैं कि इस मुहूर्त में दक्षिण दिशा की यात्रा करने से बचना चाहिए। इसके अलावा कहा ये भी जाता है कि बुधवार के दिन अभिजीत मुहूर्त में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।

अभिजीत मुहूर्त में हुआ प्रभु श्रीराम का जन्म

अभिजीत मुहूर्त में ठीक दोपहर 12 बजकर पांच मिनट में प्रभु श्री राम का जन्म हुआ। रविवार सुबह से प्रभु श्री राम के आगमन को लेकर बिलासपुर में जश्न मनाया जा रहा है। जन्मोत्सव के बाद श्री राम मंदिर सहित पूरे बिलासपुर में खुशियां मनाई जा रही है। रंग गुलाल, पुष्प व आतिशबाजी कर लोग एक दूसरे को बधाई और शुभकामना दे रहे हैं।

इस लेख को ध्यानपूर्वक पढ़ें और पढ़ कर इस ज्ञान को अपने तक ही ना रखें इसे अधिक से अधिक शेयर करें ताकि यह ज्ञान सब तक पहुंच सके क्योंकि ज्ञान का दान सर्वाधिक महत्वपूर्ण एवं लाभकारी है

✍आचार्य जे पी सिंह
ज्योतिष, वास्तु विशेषज्ञ एवं एस्ट्रो मेडिकल स्पेशलिस्ट       
www.astrojp.com,
www.astrojpsingh.com
Mob .9811558158

Work is accomplished in Abhijeet Muhurta, success is achieved

People who are interested in astrology of scriptures often keep reading and hearing about Abhijeet Muhurta.  According to our scriptures, there are total 30 different types of Muhurta in a day from sunrise to sunset.  Out of these, Abhijit Muhurta is considered very auspicious and fruitful in all types of Muhurtas.  Abhijeet means winner and Muhurta means time.  Which means that not only does the work done in Abhijeet Muhurta get success, but every work done in this Muhurta also gives auspicious results.  This is the reason why Abhijit Muhurta time is given in Sanatan Dharma to perform all kinds of religious rituals and works etc., because its results are always positive.  Its specialty is that even without special yoga, the work done in this Muhurta is fruitful.  Any work done during this time leads to victory.  Abhijit Muhurta also has a special relation with the birth of Lord Ram.  Tulsidasji has written in Ramcharitmanas on the time of birth of Lord Shri Ram-

"Naumi Tithi Madhumas Punita.  Sukal Paksha Abhijit Haripreeta.  Holy Kaal Lok Vishrama..''

Abhijeet Muhurta is made every day for two clocks i.e. 48 minutes in the middle of the day.  This is called Abuja Muhurta.  In this, every work related to the work can be done easily without any thought.  The simple way to calculate Abhijit Muhurta is that it starts one hour before the middle of the time period from sunrise to sunset.  Lasts for one hour.  According to astrology, the importance of day, date, nakshatra, yoga and dinman etc. is given while calculating the Muhurta for completing any work.  Abhijeet Muhurta comes at a time in every day in which almost all auspicious work can be done.
According to astrology, Abhijit Muhurta starts about 24 minutes before noon every day and ends 24 minutes after midday.  For example, if the sunrise happens at exactly 6 o'clock in the day, then Abhijit Muhurta will start exactly 24 minutes before 12 noon and will end at 12.24 in the afternoon.  Along with this, let us tell you that the timing of Abhijeet Muhurta changes every day according to the sunrise.  Abhijeet Muhurta can also be ascertained by looking at the Panchang of that day.  In Abhijeet Muhurta, starting a new work, starting a business, etc., performing religious rituals and worship is considered to be the best.  But many astrologers consider it necessary to keep the yogas in mind along with Abhijit Muhurta for major tasks like auspicious work and planetary entry.  While Abhijit Muhurta is the guarantee of success, many astrologers also advise that one should avoid traveling in the south direction during this Muhurta.

Abhijit Muhurta Significance

According to the scriptures, there are 30 different types of Muhurta in a day from sunrise to sunset.  Out of these, Abhijeet Muhurta is considered most auspicious and fruitful among all.  It is said that Abhijeet means winner and Muhurta means time.  Which means that every work done in Abhijeet Muhurta gives only auspicious results.  This is the reason why Abhijit Muhurta is given time to perform all kinds of religious rituals and works etc. in Sanatan Dharma, because its results are always positive.

Abhijeet Muhurta Timings

According to astrology, Abhijit Muhurta starts about 24 minutes before noon every day and ends 24 minutes after midday.  For example, if the sunrise happens at exactly 6 o'clock in the day, then Abhijit Muhurta will start exactly 24 minutes before 12 noon and will end at 12.24 in the afternoon.  Along with this, let us tell you that the timing of Abhijeet Muhurta changes every day according to the sunrise.

Which auspicious work can be done in Abhijeet Muhurta

From traveling, starting a new work, starting a business, etc. to religious rituals and worship, it is considered the best in this Muhurta.  But let us tell you that some people believe that for major tasks like auspicious work and planetary entry, it is necessary to keep in mind the Abhijit Muhurta along with other yogas.

Abhijeet should not do this work

Astrology scholars say that traveling in the south direction should be avoided during this Muhurta.  Apart from this, it is also said that no auspicious work should be done during Abhijeet Muhurta on Wednesday.

Lord Shri Ram was born in Abhijit Muhurta

Lord Shri Ram was born in Abhijeet Muhurta exactly at 12.05 in the afternoon.  Celebrations are being celebrated in Bilaspur since Sunday morning regarding the arrival of Lord Shri Ram.  After the birth anniversary, happiness is being celebrated all over Bilaspur including Shri Ram Mandir.  People are congratulating and wishing each other by doing gulal, flowers and fireworks.

Read this article carefully and do not keep this knowledge to yourself after reading it, share it as much as possible so that this knowledge can reach everyone because the donation of knowledge is most important and beneficial.

Acharya JP Singh
Astrologer, Vastu Specialist & Astro Medical Specialist
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