Why should we fast during Navratri
नवरात्र में व्रत क्यों रखना चाहिए और इसका क्या लाभ है ?
मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि में व्रत रखने से मन, तन और आत्मा शुद्ध होती है। नवरात्रि के दिनों में 9 दिनों तक व्रत रखकर हम अपने मन, तन और आत्मा का शुद्धिकरण कर सकते हैं। इन दिनों में व्रत करने से विशेष फल मिलता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इन दिनों व्रत रखने से मां प्रसन्न होती हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं।
नवरात्रि के दौरान उपवास क्यों करना चाहिए?
नवरात्रि उत्सव रंग, परंपरा, संगीत तथा नृत्य का उत्सव है, साथ ही यह विश्राम करने का, अपने अन्दर उतरने का और अपनी ऊर्जा के स्तर में वृद्धि करने का समय है। नवरात्रि काल में उपवास करने से परमानंद तथा प्रसन्नता की ओर ले जाने वाला मार्ग सुगम हो जाता है। इससे मन की अस्वस्थता दूर हो जाती है और सजगता और आनंद बढ़ता है।
आयर्वेद के अनुसार उपवास करने से जठराग्नि प्रज्वलित होती है। इस कारण हमारे शरीर में विषाक्त पदार्थ नष्ट हो जाते है। इन विषाक्त पदार्थों का शरीर से निष्कासन होने से सुस्ती कम हो जाती है। शरीर की पेशियों में नवचैतन्य जाग जाता है। इसलिए शरीर शुद्धि के लिए उपवास एक प्रभावशाली तंत्र माना गया है। शरीर शुद्ध होने से मन भी शांत और स्थिर हो जाता है क्योंकि शरीर और मन का गहरा सम्बन्ध है।
उपवास: विश्रांति और रोगप्रतिकारक
शक्ति में वृद्धि का उपाय
संभवतः हम में से बहुत सारे लोग ऐसे होंगे जो भूख लगने की प्रतीक्षा ही नहीं करते। भूख लगने का अर्थ है कि अपना शरीर अब अन्न पाचन के लिए तैयार है। भूख लगने से पहले अन्न ग्रहण करने से हमारी पाचनप्रणाली अशक्त हो जाती है। परिणाम स्वरूप तनाव बढ़ता है तथा रोगप्रतिकारक शक्ति कमज़ोर हो जाती है।
उपवास करने से जठराग्नि प्रदीप्त हो जाता है जिससे तनाव निर्मूलन होता है तथा रोगप्रतिकारक शक्ति में वृद्धि होती है।
नवरात्रि में उपवास करके गहन ध्यान में स्थित हो जाएँ
नवरात्रि का समय अपने आप के साथ रहने, ध्यान करने तथा अपने अस्तित्व के स्त्रोत के साथ जुड़ने का समय है। उपवास करने से मन की अस्वस्थता घटती है तथा गहन ध्यान द्वारा अपने अंतर्मन की ओर की यात्रा सुगम हो जाती है। अपना ऊर्जा का स्तर बनाये रखने के लिए फलाहार तथा सात्विक अन्न का सेवन करना आवश्यक है।
उत्तम लोक की होती है प्राप्ति
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, नवरात्र के नौ दिन व्रत रखने से मां जल्द प्रसन्न होती हैं और सभी संकटों से मुक्ति मिलती है। देवी भागवत पुराण में बताया गया है कि जो भक्त नवरात्र के दिनों में व्रत रख मां के नौ रूपों की उपासना करता है। उसको धरती के समस्त सुख व वैभव के साथ-साथ मृत्यु के बाद उसको उत्तम लोक की प्राप्ति होती है।
सभी समस्याओं से मिलती है मुक्ति
देवी भागवत पुराण में कहा गया है कि मोक्ष का अधिकारी वही होता है जो निष्काम भाव से भगवान विष्णु की पूजा करता है। लेकिन व्रत रखकर देवी की उपासना करने वाले को स्वर्ग लोक की प्राप्ति होती है और अगले जन्म में भगवान का भक्त बनकर जन्म लेता है और मोक्ष की प्राप्ति करता है। साथ ही आत्मिक शांति मिलती है और सभी समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
व्रत रखने का वैज्ञानिक दृष्टिकोण
नवरात्र के नौ दिन व्रत रखने के केवल धार्मिक कारण ही नहीं है बल्कि इसका वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी है। दरअसल चैत्र और आश्विन मास की नवरात्र के दौरान केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया का मौसम बदलने लगता है। इस दौरान ऋतुओं का परिवर्तन होता है और यह बात प्राचीन समय के ऋषि मुनि इस बात का समझते थे। इसलिए नवरात्र के नौ दिनों का व्रत रखने से मौसम परिवर्तन का असर शरीर पर कम पड़ता है।
शारदीय नवरात्रि का पर्व साफ-सफाई और शुद्धता का प्रतीक माना जाता है। नवरात्रि के व्रत में नियम और संयम का पालन करना बेहद जरूरी माना जाता है। नवरात्रि का व्रत करने वाले व्रतियों के लिए शास्त्रों में कुछ नियम बताए गए हैं। वैसे तो नवरात्रि के व्रत कोई भी रख सकता है, लेकिन 9 दिन व्रत कैसे रखे जाएं इसको लेकर शास्त्रों में कुछ जरूरी बातें बताई गई हैं। वैसे तो नवरात्रि के सभी व्रत करने का विधान है, लेकिन जो लोग सभी व्रत नहीं कर सकते हैं या उनके अंदर उतनी सामर्थ्य न हो शास्त्रों में ये विकल्प भी बताए गए हैं।
नवरात्रि के व्रत में इन नियमों का करें पालन, इतने प्रकार से रखे जाते हैं व्रत
नवरात्र व्रत के प्रकार
पहला प्रकार सप्तरात्र व्रत बताया गया है। यह व्रत प्रतिपदा से सप्तमी तक रखा जाता है। इस प्रकार से व्रत करने से संपूर्ण फल की प्राप्ति होती है।
इसके अलावा जो लोग पूर्ण व्रत नहीं कर सकते हैं वे सिर्फ पंचमी को एकभुक्त व्रत कर सकते हैं। इस व्रत में आप एक वक्त भोजन कर सकते हैं।
षष्ठी को नक्तव्रत यानी कि रात्रि भोजन के साथ व्रत और सप्तमी को अयानित व्रत किया जा सकता है। इसका अर्थ होता है कि व्यक्ति को बिना मांगे जो मिले उसका व्रत में सेवन करना चाहिए।
कुछ लोग जो सभी व्रत नहीं कर पाते हैं वे सप्तमी, अष्टमी और नवमी को व्रत कर सकते हैं। इसे त्रिरात्र व्रत कहा जाता है।
जो लोग प्रतिपदा और अष्टमी का व्रत करते हैं उसे युग्मरात्र व्रत कहते हैं। वहीं सिर्फ आरंभ और समाप्ति का व्रत करने वाले को एकरात्र व्रत कहा जाता है।
शारदीय नवरात्रि का पर्व साफ-सफाई और शुद्धता का प्रतीक माना जाता है। नवरात्रि के व्रत में नियम और संयम का पालन करना बेहद जरूरी माना जाता है। नवरात्रि का व्रत करने वाले व्रतियों के लिए शास्त्रों में कुछ नियम बताए गए हैं। वैसे तो नवरात्रि के व्रत कोई भी रख सकता है, लेकिन 9 दिन व्रत कैसे रखे जाएं इसको लेकर शास्त्रों में कुछ जरूरी बातें बताई गई हैं। वैसे तो नवरात्रि के सभी व्रत करने का विधान है, लेकिन जो लोग सभी व्रत नहीं कर सकते हैं या उनके अंदर उतनी सामर्थ्य न हो शास्त्रों में ये विकल्प भी बताए गए हैं।
नवरात्र व्रत के नियम
व्रत करने वाले को चाहिए कि पलंग के बजाए जमीन पर सोएं। अगर आप जमीन पर नहीं सो सकते हैं तो लकड़ी के तख्त पर सो सकते हैं।
नवरात्र का व्रत करने वाले को सोने के लिए अधिक गुदगुदे गद्दे का प्रयोग करने से बचना चाहिए। हो सके तो 9 दिन बिना गद्दे के सोएं।
व्रत करने वाले अधिक भोजन नहीं करना चाहिए। सिर्फ फल या फिर थोड़ा बहुत चाहें तो कुट्टू का प्रयोग कर सकते हैं।
व्रत करने वाले को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। इसके साथ ही अपने व्यवहार में क्षमा, उदारता और उत्साह का भाव रखना चाहिए। व्रत करने वाले को काम, क्रोध, लोभ और मोह से दूर रहना चाहिए।
व्रत करने वाले व्यक्ति को झूठ बोलने से बचना चाहिए और सत्य का पालन करना चाहिए। मन को संयम में रखना चाहिए। किसी को भी अपशब्द बोलने से बचें।
व्रत रखने वाले व्यक्ति को अपनी इंद्रियों पर काबू करना चाहिए। सभी प्रकार के तामसी भावों का त्याग करना चाहिए। किसी भी इंद्री का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए।व्रत करने वाले व्यक्ति को मां दुर्गा की पूजा करने के बाद अपने इष्टदेव का ध्यान करना चाहिए
नवरात्रि के व्रत में इन नियमों का करें पालन, इतने प्रकार से रखे जाते हैं व्रत
शारदीय नवरात्रि का पर्व साफ-सफाई और शुद्धता का प्रतीक माना जाता है। नवरात्रि के व्रत में नियम और संयम का पालन करना बेहद जरूरी माना जाता है। नवरात्रि का व्रत करने वाले व्रतियों के लिए शास्त्रों में कुछ नियम बताए गए हैं। वैसे तो नवरात्रि के व्रत कोई भी रख सकता है, लेकिन 9 दिन व्रत कैसे रखे जाएं इसको लेकर शास्त्रों में कुछ जरूरी बातें बताई गई हैं। वैसे तो नवरात्रि के सभी व्रत करने का विधान है, लेकिन जो लोग सभी व्रत नहीं कर सकते हैं या उनके अंदर उतनी सामर्थ्य न हो शास्त्रों में ये विकल्प भी बताए गए हैं।
नवरात्र व्रत करने के लाभ
शास्त्रों में नवरात्र के महत्व को बहुत ही खास माना गया है। माना जाता है व्रत रखने वाला जो व्यक्ति नियमों का पालन नहीं करता है वह रोगी और संतानहीन रह जाता है। वहीं जो व्यक्ति पूर्ण श्रद्धा भाव से व्रत करता है मां भगवती की कृपा उन पर बनी रहती है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
नवरात्रि में किए जाने वाले कुछ उपाय
नवरात्रि जहां नौ दिन तक माँ दुर्गा की आराधना करके आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त करने का त्यौहार है वहीं कुछ सरल नवरात्री के उपाय करके आप अपने जीवन की बहुत सी समस्याओं को सदा के लिए समाप्त कर सकते हैं.
मनोकामना पूरी करने के लिए करें ये उपाय:-
पूरे नौ दिन अखंड दीपक व घट के सामने बैठकर सिद्ध कुजिका स्त्रोत का पाठ करें. हर दिन एक-एक गुलाब का फूल बढ़ाते जाएं. नौवें दिन नौ गुलाब अर्पण कर मां से प्रार्थना करें. ऐसा करने से मनोकामना पूरी होती है.
धनवृद्धि के लिए करें ये उपाय:-
पूरी नवरात्रि में लाल आसन पर बैठकर संध्याकाल में जो जातक विष्णु सहस्रनाम तथा ललिता सहस्रनाम का पाठ करता है और रोज़ाना एक कमल का पुष्प माता को अर्पण करता है.
नवरात्रि में मां दुर्गा की आराधना लाल रंग के कंबल के आसन पर बैठकर करना अति उत्तम माना गया है,इससे सभी मनोकामनाओं
की पूर्ति होती है.
नवरात्र में नौ दिन तक रोज सुबह जल्दी उठ कर स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करे और 108 मनकों वाली स्फटिक की माला लेकर नौकरी या रोजगार प्राप्ति के लिए निम्नलिखित मंत्र का मंत्र का जप करें. नवरात्र मैं शुरू करके ३१ दिन तक लगातार इस मंत्र का १०८ बार जप करे तो नौकरी प्राप्ति में मदद मिलेगी.
‘ऊं हृीं वाग्वादिनी भगवती मम कार्य सिद्धि कुरु कुरु फट् स्वाहा’
अटका काम बनाने के लिए:-
यदि कोई काम लंबे समय से अटका हुआ है तो उसकी पूर्ति के लिए माता के लिए लाल चुनरी में 5 तरह के मेवे लेकर जाएं और उन्हें अर्पित करें. माता से अपनी इच्छा पूर्ति की बात कहें. फिर उस प्रसाद को ग्रहण करें.
कष्टों से मुक्ति के लिए:-
नवरात्रि के दिनों में पान के पत्ते में लौंग और बताशा रखकर हनुमान बाबा को अर्पित करें. उनके समक्ष हनुमान चालीसा का पाठ करें. इससे आपके बड़े से बड़े कष्ट भी दूर हो जाएंगे.
उपरोक्त सभी उपाय सभी धार्मिक मान्यताओं के आधार पर है.
किसी भी प्रकार की समस्या
समाधान के लिए ,आचार्य जे पी सिंह
ज्योतिष, वास्तु विशेषज्ञ एवं एस्ट्रो मेडिकल स्पेशलिस्ट
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Why should we fast during Navratri and what are its benefits?
According to the beliefs, keeping the fast on Navratri purifies the mind, body and soul. During Navratri, we can purify our mind, body and soul by fasting for 9 days. Fasting on these days gives special results. According to religious texts, keeping fast on these days makes the mother happy and fulfills all her wishes.
Why should we fast during Navratri?
Navratri festival is a celebration of colours, tradition, music and dance, as well as a time to relax, get inside and increase your energy level. By fasting during Navratri, the path leading to ecstasy and happiness becomes smooth. This removes the restlessness of the mind and increases alertness and joy.
According to Ayurveda, fasting ignites the gastric fire. Due to this, the toxins in our body are destroyed. The removal of these toxins from the body reduces lethargy. The new consciousness awakens in the muscles of the body. Therefore fasting is considered an effective mechanism for purification of the body. By purifying the body, the mind also becomes calm and stable because there is a deep relationship between the body and the mind.
Fasting: relaxation and healing
Remedy to increase potency
There will probably be many of us who do not wait to be hungry. Feeling hungry means that your body is now ready to digest food. If we take food before we feel hungry, our digestive system becomes weak. As a result, stress increases and immunity weakens.
By fasting, the gastric fire gets illuminated, which relieves stress and increases immunity.
Get settled in deep meditation by fasting during Navratri
Navratri is a time to be with yourself, meditate and connect with the source of your existence. By fasting, the ill-health of the mind decreases and the journey towards one's inner mind becomes easier through deep meditation. To maintain your energy level, it is necessary to consume fruit and satvik food grains.
good people get
According to religious texts, fasting for nine days of Navratri makes the mother happy and gets rid of all the troubles. It has been told in the Devi Bhagwat Purana that the devotee who observes a fast during Navratri worships the nine forms of the mother. He gets all the happiness and splendor of the earth as well as the best world after death.
Get rid of all problems
In the Devi Bhagavata Purana, it is said that the one who is entitled to salvation is the one who worships Lord Vishnu with a selfless spirit. But the one who worships the Goddess by keeping a fast attains heaven and in the next birth takes birth as a devotee of God and attains salvation. Along with this, one gets inner peace and gets freedom from all problems.
scientific approach to fasting
There is not only a religious reason for fasting for nine days of Navratri, but it also has a scientific approach. Actually, during the Navratri of Chaitra and Ashwin month, not only in India but the weather of the whole world starts changing. During this there is a change of seasons and this was understood by the sages of ancient times. Therefore, keeping fast for nine days of Navratri reduces the effect of weather changes on the body.
The festival of Shardiya Navratri is considered a symbol of cleanliness and purity. It is considered very important to follow the rules and moderation in the fasting of Navratri. Some rules have been told in the scriptures for the fasting of Navratri. Although anyone can keep the fast of Navratri, but some important things have been told in the scriptures about how to keep fast for 9 days. Although there is a law to observe all the fasts of Navratri, but those who cannot do all the fasts or do not have that much power in them, these options are also mentioned in the scriptures.
Follow these rules in Navratri fast, fasts are kept in so many ways
Types of Navratri Vrat
The first type is said to be the Saptaratra fast. This fast is kept from Pratipada to Saptami. By fasting in this way, one gets complete results.
Apart from this, those who cannot observe a complete fast, they can do Ekabhukt fast only on Panchami. In this fast, you can have one meal at a time.
Naktavrata i.e. fasting with dinner can be observed on Shashthi and Ayanit fasting on Saptami. It means that the person should consume whatever he gets without asking for it.
Some people who are unable to observe all the fasts can observe the fast on Saptami, Ashtami and Navami. This is called Triratra Vrat.
Those who observe Pratipada and Ashtami fasts are called Yugamratra fasts. On the other hand, the one who observes only the beginning and end of the fast is called Ekratra fast.
The festival of Shardiya Navratri is considered a symbol of cleanliness and purity. It is considered very important to follow the rules and moderation in the fasting of Navratri. Some rules have been told in the scriptures for the fasting of Navratri. Although anyone can keep the fast of Navratri, but some important things have been told in the scriptures about how to keep fast for 9 days. Although there is a law to observe all the fasts of Navratri, but those who cannot do all the fasts or do not have that much power in them, these options are also mentioned in the scriptures.
Navratri fasting rules
The person observing the fast should sleep on the ground instead of the bed. If you cannot sleep on the ground, you can sleep on a wooden plank.
One who observes Navratri fast should avoid using padded mattresses for sleeping. If possible, sleep for 9 days without a mattress.
Those fasting should not eat too much food. If you want only fruits or a little bit, then you can use buckwheat.
The person observing the fast should observe brahmacharya. Along with this, there should be a sense of forgiveness, generosity and enthusiasm in your behavior. One should stay away from lust, anger, greed and attachment.
The person observing the fast should avoid telling lies and follow the truth. The mind should be kept in moderation. Avoid speaking abusive words to anyone.
The person observing the fast should control his senses. All kinds of tamasic expressions should be given up. One should not abuse any of the sense organs. The person observing the fast should meditate on his presiding deity after worshiping Maa Durga.
Follow these rules in Navratri fast, fasts are kept in so many ways
The festival of Shardiya Navratri is considered a symbol of cleanliness and purity. It is considered very important to follow the rules and moderation in the fasting of Navratri. Some rules have been told in the scriptures for the fasting of Navratri. Although anyone can keep the fast of Navratri, but some important things have been told in the scriptures about how to keep fast for 9 days. Although there is a law to observe all the fasts of Navratri, but those who cannot do all the fasts or do not have that much power in them, these options are also mentioned in the scriptures.
Benefits of fasting Navratri
The importance of Navratri is considered very special in the scriptures. It is believed that the person observing the fast, who does not follow the rules, remains sick and childless. At the same time, the person who fasts with full devotion, the grace of Mother Bhagwati remains on him and all his wishes are fulfilled.
Some Remedies to be done in Navratri
While Navratri is the festival of attaining spiritual power by worshiping Mother Durga for nine days, by doing some simple Navratri remedies, you can end many problems of your life forever.
Follow these steps to fulfill your wish:-
Recite Siddha Kujika Stotra by sitting in front of a monolithic lamp and Ghat for the whole nine days. Keep growing one rose flower every day. On the ninth day, offer nine roses and pray to the mother. By doing this the wish gets fulfilled.
Do these measures to increase wealth:-
The person who recites Vishnu Sahasranama and Lalita Sahasranamam in the evening sitting on a red seat throughout Navratri and daily offers a lotus flower to the mother.
It is considered very best to worship Goddess Durga in Navratri by sitting on the seat of a red blanket, this will bring all the wishes.
is fulfilled.
For nine days in Navratri, wake up early in the morning every morning and after taking bath, wear clean clothes and chant the following mantra for getting job or employment with a rosary of 108 beads. Starting in Navratri, chanting this mantra 108 times continuously for 31 days will help in getting a job.
'Om hrim vagwadini Bhagwati mama work siddhi kuru kuru ft swaha'
To make stuck work:-
If any work is stuck for a long time, then for its fulfillment, take 5 types of dry fruits in red chunari for the mother and offer them. Tell your mother about the fulfillment of your wish. Then take that prasad.
To get rid of sufferings:-
On the days of Navratri, offer cloves and Batasha in betel leaves to Hanuman Baba. Recite Hanuman Chalisa in front of him. With this your biggest troubles will also go away.
All the above measures are based on all religious beliefs.
any kind of problem
For the solution, Acharya JP Singh
Astrologer, Vastu Specialist & Astro Medical Specialist
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